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पचरुखी पीएचसी में देखा था पहला मरीज, तेज बुखार था उसे

मैं शहर के हजियापुर रोड मोहल्ला का निवासी हूं। मैंने साल 1988 में एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई पूरी करने के बाद मेरी पहली पो¨स्टग सिवान जिले के पचरूखी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हुई थी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 09:12 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 09:12 PM (IST)
पचरुखी पीएचसी में देखा था पहला मरीज, तेज बुखार था उसे
पचरुखी पीएचसी में देखा था पहला मरीज, तेज बुखार था उसे

गोपालगंज : मैं शहर के हजियापुर रोड मोहल्ला का निवासी हूं। मैंने साल 1988 में एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई पूरी करने के बाद मेरी पहली पो¨स्टग सिवान जिले के पचरूखी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हुई थी। पहले दिन ड्यूटी करने ओपीडी में पहुंचा। वहां मरीजों की भीड़ लगी थी। तभी मेरे कक्ष में एक युवक पहुंचा। यह मेरा पहला मरीज था। इस युवक का नाम तो अब याद नहीं है लेकिन यह याद है कि उसे तेज बुखार था। बुखार तेज देख उसे दवा देकर अस्पताल में भर्ती किया गया। दवा खाने के पांच घंटे बाद उसकी हालत में सुधार आने पर उसे पांच दिन की दवा देकर छुट्टी दे दी गई। दवा खाने के बाद यह मरीज पूरी तरफ से ठीक हो गया। वह युवक बुखार से ठीक होने के बाद जब भी बीमार पड़ता था मेरे पास ही इलाज कराने आता था। पचरुखी पीएचसी के बाद सिवान जिले के विभिन्न पीएचसी में मैंने सेवा दिया। साल 2006 में मेरा तबादला अपने गृह जनपद गोपालगंज के कटेया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हुआ। रिटायरमेंट के बाद रेडक्रास सोसाइटी द्वारा मुझे ब्लड बैंक गोपालगंज में नियुक्त किया गया। तब से मैं यहां अपनी सेवाएं दे रहा हूं।

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डॉ. सीपी सिन्हा, ब्लड बैंक, गोपालगंज


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