अतिक्रमण का था पहला मुकदमा, जिसमें मिली सफलता
मैं विजयीपुर थाना क्षेत्र के जगदीशपुर का मूल निवासी हूं। मैं करीब तीन दशक पूर्व वकालत के पेशे में आया। अधिवक्ता के रूप में रजिस्ट्रेशन के तत्काल बाद व्यवहार न्यायालय गोपालगंज में प्रैक्टिस करने लगा।
गोपालगंज : मैं विजयीपुर थाना क्षेत्र के जगदीशपुर का मूल निवासी हूं। मैं करीब तीन दशक पूर्व वकालत के पेशे में आया। अधिवक्ता के रूप में रजिस्ट्रेशन के तत्काल बाद व्यवहार न्यायालय गोपालगंज में प्रैक्टिस करने लगा। मुझे याद है पहला मुकदमा जिस वर्ष मैं वकालत के पेशे में आया, उसके अगले साल मिला। वह मुकदमा था विजयीपुर थाना क्षेत्र के मठिया गांव के रामबली राम का। यह अतिक्रमण का वाद था। मैं आवेदक रामबली राम का अधिवक्ता था। चूंकि वकालत में आने के बाद यह मेरा मुकदमा था। ऐसे में मैंने इस वाद को जीतने के लिए काफी परिश्रम किया। सुनवाई के बाद न्यायालय ने यह पाया कि रामबली राम द्वारा दूसरे पक्ष पर लाया गया अतिक्रमण का वाद सही है। इस वाद में प्रथम पक्ष विजयी हुआ। अधिवक्ता के रूप में यह मेरी किसी भी मुकदमा में पहली जीत थी। वकालत के पेशे में कड़ी मेहनत की जरूरत होती है। मुझे इस मुकदमा में ही इस बात की सीख मिली कि अगर पूरी तैयारी से किसी भी वाद को लड़ा जाए तो उसमें सफलता की संभावना अधिक होती है। इस पेशे में खुद पर विश्वास रखना जरूरी है। इस पेशे में वरीय अधिवक्ताओं का समय-समय पर मार्गदर्शन लेना भी हमेशा से ही हितकारी होता है। वकालत ऐसा पेशा है, जिसमें प्रत्येक दिन कानूनी पुस्तकों को पढ़ना तथा जरूरत के हिसाब से खुद को उसके लिए मानसिक रूप से तैयार करना भी जरूरी होता है। करीब तीन दशक से मैं दृढ़ निश्चय व खुद के विश्वास को ध्यान में रखकर काम करता हूं।
व्यास मुनी ¨सह, अधिवक्ता व्यवहार न्यायालय