अपनों के साथ मेहमानों को भी यहां के वोटरों ने लगाया गले
अब एक बार फिर लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी वोटरों का आर्शीवाद पाने के लिए चुनावी मैदान में हैं। इस चुनाव में अब तक सामने आए सभी प्रत्याशी जिले के ही निवासी हैं।
गोपालगंज : अब एक बार फिर लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी वोटरों का आर्शीवाद पाने के लिए चुनावी मैदान में हैं। इस चुनाव में अब तक सामने आए सभी प्रत्याशी जिले के ही निवासी हैं। राजग से जदयू ने डॉ.आलोक कुमार सुमन तथा महागठबंधन से राजद ने सुरेंद्र राम महान को अपना प्रत्याशी बनाया है। अब नामांकन करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अभी तक इस सीट से चुनाव लड़ने के लिए किसी दूसरे जिले के नेता का चेहरा सामने नही आया है। लेकिन गोपालगंज संसदीय सीट पर दूसरे जिले के नेता भाग्य आजमाते रहे हैं और अब तक हुए चुनाव में यहां के वोटर अपनों के साथ मेहमानों को भी गले लगाते रहे हैं। यहां के वोटरों ने दूसरे जिले से इस सीट पर चुनावी मैदान में उतरे नेताओं के साथ ही अपने ही जिले के नेता सांसद चुनने में अब तक भेदभाव नहीं किया है। अब तक हुए चुनाव में सात बार दूसरे जिले के नेता तथा आठ बार इसी जिले के नेता को वोटरों ने अपना सांसद चुना है।
साल 1957 में देश में हुए पहले संसदीय चुनाव में गोपालगंज सीट से दूसरे जिले के निवासी डॉ. सैयद महसूद को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया था। इस चुनाव में डॉ. सैदय महसूद को समर्थन देकर वोटरों ने अपना सांसद चुना। इसके बाद साल 1962 से साल 1971 तक छपरा जिले के मशरख के निवासी द्वारिकानाथ तिवारी कांग्रेस के टिकट पर लगातार तीन बार सांसद चुने गए। साल 1977 में कांग्रेस छोड़कर भारतीय लोकदल के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे द्वारिकानाथ तिवारी को वोटरों ने जीता कर लगातार चौथी बार अपना सांसद बनाया। हालांकि इस चुनाव में बाद दूसरे जिले से इस सीट पर चुनाव लड़ने वाले नेताओं का जीत का सिलसिला थम गया। साल 1990 से लेकर 1998 तक हुए छह चुनावों में वोटरों ने अपने जिले के नेता पर भरोसा जताते हुए उन्हें सांसद चुना। लेकिन साल 1999 में हुए चुनाव में वोटरों ने फिर एक बार दूसरे जिले के नेता को अपना समर्थन दिया। इस चुनाव में शिवहर से विधायक रह चुके रघुनाथ झा जदयू के टिकट पर इस सीट से चुनावी मैदान में उतरे और जीत दर्ज किया। इसके बाद साल 2009 के चुनाव में बेतिया के निवासी पूर्णमासी राम जदयू के टिकट पर यहां से सांसद चुने गए। अब तक 15 बार हो चुके लोकसभा चुनाव में सात बार दूसरे जिले के नेता पर भरोसा जताने वाले यहां के वोटरों ने अपने जिले के नेताओं को भी बराबर का सम्मान दिया है। अब तक हुए चुनाव में आठ बार जिले के नेता सांसद चुने गए हैं। दूसरे जिले के नेता कब-कब चुने गए सांसद
नाम साल
डॉ. सैयद महसूद 1957
द्वारिकानाथ तिवारी 1962
द्वारिकानाथ तिवारी 1967
द्वारिकानाथ तिवारी 1971
द्वारिकानाथ तिवारी 1977
रघुनाथ झा 1999
पूर्णमासी राम 2004 जिले के नेता कब-कब बने सांसद
नाम साल
नगीना राय 1980
कालीप्रसाद पाण्डेय 1984
राममंगल मिश्र 1989
अब्दुल गफूर 1991
लालबाबू प्रसाद 1996
अब्दुल गफूर 1998
साधु यादव 2004
जनक राम 2014