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वादा की झड़ी, फिर भी दलित बस्ती में नहीं बनी पक्की सड़क

जनप्रतिनिधियों के बार-बार किए गए वादों के बाद भी कुचायकोट प्रखंड के दियारा क्षेत्र में स्थित तिवारी मटिहिनिया दलित बस्ती के निवासियों को आज भी पक्की सड़क का इंतजार है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 10 Apr 2019 04:53 PM (IST)Updated: Thu, 11 Apr 2019 06:27 AM (IST)
वादा की झड़ी, फिर भी दलित बस्ती में नहीं बनी पक्की सड़क
वादा की झड़ी, फिर भी दलित बस्ती में नहीं बनी पक्की सड़क

गोपालगंज : जनप्रतिनिधियों के बार-बार किए गए वादों के बाद भी कुचायकोट प्रखंड के दियारा क्षेत्र में स्थित तिवारी मटिहिनिया दलित बस्ती के निवासियों को आज भी पक्की सड़क का इंतजार है। इस गांव के ग्रामीण बदहाल सड़क से अपने गांव आने-जाने को विवश है। स्थिति यह है कि अगल-बगल के नालों के पानी और हल्की बारिश होने पर यह सड़क कीचड़ से पट जाती है। अब एक बार फिर लोकसभा चुनाव सामने है। तमाम दल के नेताओं का गांव में पहुंचना शुरू हो गया है। इसके साथ ही विकास के वादों की झड़ी लगनी शुरू हो गई है। इन वादों के बीच तिवारी मटिहिनिया के इस दलित बस्ती के लोगों को उस घड़ी क इंजतार है कि कब उनके गांव में पक्की सड़क बनेगी।

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सरकार हर गांव व बस्ती को पक्की सड़क से जोड़ रहे है। लेकिन सरकार की यह योजना अभी तक दियारा के तिवारी मटिहिनिया गांव के दलित बस्ती तक नहीं पहुंच सकी है। इस बस्ती के निवासी भगेलु चौहान कहते हैं कि वर्षों से इस गांव के लोग सड़क की समस्या से जूझ रहे हैं। बरसात के दिनों में तो स्थिति इतनी खराब हो जाती है कि बच्चों को स्कूल जाना भी मुश्किल हो जाता है। गांव की महिलाओं को भी आने-जाने में काफी परेशानी होती है। जब भी चुनाव आते हैं या जनप्रतिनिधि इधर भ्रमण को निकलते हैं तो वे पक्की सड़क बनवाने का आश्वासन देते हैं। लेकिन सड़क बनाने की दिशा में अब तक कोई पहल नहीं की गई। इस गांव के दीना महतो कहते हैं कि सड़क की स्थिति खराब होने से गांव में लोग आने से भी कतराते हैं। हल्की बारिश में कच्ची सड़क कीचड़ से पट जाती है। जिससे गांव के लोगों को घर तक पहुंचने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस गांव के निवासी चंदन तिवारी कहते हैं कि इस बदहाल सड़क को लेकर कई बारजनप्रतिनिधियों से लेकर प्रशासनिक पदाधिकारियों तक गुहार लगाई गई। सभी ने आश्वासन दिया कि सड़क बनाने का काम जल्द शुरू होगा। इन वादों पर साल दर साल बीत गया। लेकिन अब तक इस दलित बस्ती की सड़क का पक्कीकरण नहीं हो सका।


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