चटख हो रहा चुनावी रंग, चर्चा में स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय मुद्दे
लोकसभा चुनाव की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आ रही है चुनावी रंग और चटक होता जा रहा है।
गोपालगंज। लोकसभा चुनाव की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, चुनावी रंग और चटक होता जा रहा है। लोगों में चुनाव को लेकर जागरूकता और उत्साह धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। शहर से लेकर सुदूर गांवो तक, चाय-पान की दुकानों से लेकर चौक-चौराहों और घर के दलान तक चुनावी चर्चा जोर पकड़ने लगी है। सभी अपने अपने पार्टी और पसंद के प्रत्याशियों के पक्ष में तर्क वितर्क के साथ उनकी जीत का भी दावा करने लगे हैं।
गोपालगंज में भले ही अभी मतदान के लिए नामांकन का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है पर चुनावी तापमान धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। सभी अपने अपने दल और समर्थित प्रत्याशी के पक्ष में मजबूती से तर्क के साथ उन्हें बेहतर बताने और उनके विजय निश्चित होने की दावा भी करने लगे हैं। कुचायकोट प्रखंड के ढेबवा गांव में भी एक जगह चुनावी चर्चा जोरशोर से चल रही है। चर्चा में शामिल उदय सरोज त्रिपाठी पूरी मजबूती से कहते हैं कि देश में इस बार भी एनडीए की ही सरकार ही बनेगी क्योंकि यही एक सरकार है जो देश के सुरक्षा और विकास की दौड़ में देश को आगे ले जा सकती है। तिवारी कहते हैं कि बाकी दल तो चुनाव के पहले ही ऐसे-ऐसे मुद्दे ला रहे हैं जो देशहित के खिलाफ है। उन्हें इस बात की नाराजगी है कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में देशद्रोह हटाने और कश्मीर समस्या के निपटारे के लिए घाटी से फौज हटाने की बात कही है। लेकिन उनकी इन बातों से रविद्र पटेल कतई सहमत नहीं है। उनका कहना है की मोदी के पांच साल के सरकार में देश पिछड़ता चला गया। भ्रष्टाचार खत्म करने के वादे के साथ देश में आई राजग सरकार के कार्यकाल में तमाम भ्रष्टाचारी देश को लूट कर देश से बाहर चले गए और सरकार महज बयान देने तक ही सीमित रही। भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कोई ठोस नतीजा इस सरकार के कार्यकाल में नहीं निकला। चर्चा को आगे बढ़ाते हुए प्रान्जल कहते हैं कि जिन प्रमुख मुद्दों को लेकर एनडीए की सरकार वर्ष 2014 में सत्ता में आई थी उनमें से कोई भी वादा सरकार पूरा नहीं कर सकी। बात चाहे राम मंदिर निर्माण का हो, गंगा की सफाई का या रोजगार का। वे कहते हैं की सरकार ने कहा था कि सरकार बनते ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण होगा, लेकिन पांच साल बीत जाने के बाद भी इस बारे में सरकार द्वारा कोई सार्थक पहल नहीं की। बहस में भाग लेते हुए संजय राय का कहना था कि सरकार द्वारा अनावश्यक रूप से नोट बंदी किया गया जिसका खामियाजा देश को अभी तक भुगतना पड़ रहा है। चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए सुरेश राय का कहना था कि हो सकता है कि सरकार के कुछ निर्णय से कुछ लोग सहमत नहीं हो पर देश हित में यह सरकार लगातार काम कर रही है। चर्चा मे शामिल अवध किशोर का कहना था गरीब और समाज के पिछड़े तबके के लोगो के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रही योजनाओं से गरीबों का जीवन आसान हुआ है।