प्रत्याशियों को देना होगा चल व अचल संपत्ति का ब्योरा
लोकसभा चुनाव में नामांकन पत्र दाखिल करने वाले तमाम प्रत्याशियों को अपनी चल व अचल संपत्ति के साथ-साथ आपराधिक मामलों की भी जानकारी देनी होगी।
गोपालगंज : लोकसभा चुनाव में नामांकन पत्र दाखिल करने वाले तमाम प्रत्याशियों को अपनी चल व अचल संपत्ति के साथ-साथ आपराधिक मामलों की भी जानकारी देनी होगी। इसके अलावा उन्हें खुद की शैक्षणिक योग्यता व मोबाइल नम्बर के साथ वार्षिक आय के बारे में भी पूरी जानकारी बायोडाटा में देनी होगी।
जिला निर्वाचन कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि चुनाव मैदान में उतरने वाले प्रत्येक प्रत्याशी को नामांकन पत्र दाखिल करते समय खुद पर लंबित आपराधिक मामलों या न्यायालय से दंडित किए गये मामलों के बारे में जानकारी देनी होगी। अगर प्रत्याशी किसी मामले में दंडित हैं तथा अपील या पुनर्विचार आवेदन दाखिल किया है तो उसके बारे में पूरी जानकारी देनी होगी। इस जानकारी में वाद का नम्बर, संज्ञान लिए गये न्यायालय का नाम व उसकी तिथि भी अंकित करनी होगी। इसके अलावा अभ्यर्थी को अपनी चल व अचल संपत्ति के अलावा आश्रित के पास मौजूद संपत्ति का भी ब्यौरा देना होगा। इसके अलावा उनके मकान की स्थिति व उसके बाजार मूल्य के बारे में भी विवरण अंकित करना होगा। नामांकन फार्म में चल संपत्ति में नकद, बैंक बैलेंस, बाण्ड, फिक्स डिपोजिट, वाहन व आभूषण के बारे में भी विवरण अंकित करना है। साथ ही बैंकों में बकाए के बारे में भी जानकारी अंकित करनी होगी। इसमें अभ्यर्थी अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में स्कूल व कालेज के साथ विवरण अंकित करेंगे। हरेक अभ्यर्थी को अपने विवाहित या अविवाहित जीवन से लेकर पेशा, वार्षिक आय, पुत्र-पुत्री के बारे में विवरण तथा मोबाइल नम्बर भी अंकित करना होगा। तमाम बातों की जानकारी के लिए उनके नामांकन पत्र में कॉलम अंकित होगा। अगर इनमें कोई भी जानकारी सही तरीके से नहीं दी गयी तो उनका नामांकन अस्वीकृत होने का खतरा रहेगा। नामांकन का प्रत्येक कॉलम भरना अनिवार्य
गोपालगंज : लोकसभा चुनाव में मैदान में उतरने वाले तमाम प्रत्याशियों को नामांकन प्रपत्र के साथ उपलब्ध कराए जाने वाले प्रत्येक फार्म को भरना होगा। इस प्रपत्र के किसी भी कॉलम को खाली छोड़ना भी नामांकन फार्म के अस्वीकृत होने का बड़ा कारण होगा। आयोग ने इस बार उम्मीदवार को नामांकन के समय पांच साल का आयकर रिटर्न फार्म देना अनिवार्य कर दिया है। साथ ही आयोग ने लोस चुनाव के दौरान अधिकतम 70 लाख रुपये तक के खर्च की ही अनुमति दिया है।