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ज्ञान की मंदिर से पुस्तकें गायब, वेबसाइट पर पुस्तकालय सुदृढ़

कहते हैं पुस्तकालय में सरस्वती का स्थाई निवास रहता है। यह वह स्थान है जहां विद्यार्थी, शोधार्थी, पुस्तक प्रेमी अपनी ज्ञान पिपासा शांत करते हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 Jan 2019 06:17 PM (IST)Updated: Sun, 06 Jan 2019 06:17 PM (IST)
ज्ञान की मंदिर से पुस्तकें गायब, वेबसाइट पर पुस्तकालय सुदृढ़
ज्ञान की मंदिर से पुस्तकें गायब, वेबसाइट पर पुस्तकालय सुदृढ़

गोपालगंज। कहते हैं पुस्तकालय में सरस्वती का स्थाई निवास रहता है। यह वह स्थान है जहां विद्यार्थी, शोधार्थी, पुस्तक प्रेमी अपनी ज्ञान पिपासा शांत करते हैं। ज्ञान की ज्योति जलाने के उद्देश्य से ही पूर्वजों ने आने वाली पीढि़यों के लिए अनेक पुस्तकालयों की स्थापना की। लेकिन अब तमाम मिटने के कगार पर हैं। यहां स्थापित किए गए अधिकांश पुस्तकालयों का अस्तित्व ही खत्म हो चला है। जो बचे भी हैं वहां पुस्तकें ही गायब हो गई हैं। ऐसे में यहां कागज पर दिखने वाले नब्बे प्रतिशत पुस्तकालय सिर्फ दिखावा के साबित हो रहे हैं।

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वैसे जिले की वेबसाइट पर नजर दौड़ाएं तो पूरे जिले में पुस्तकालय की कोई कमी नहीं है। वेबसाइट पर वर्तमान समय में तीस पुस्तकालय का ब्योरा देखकर कोई भी सहसा चौंक ही पड़ेगा। क्योंकि वर्तमान समय में इनमें से अधिकांश का अस्तित्व है ही नहीं। ऐसी बात भी नहीं कि वेब पर उपलब्ध जानकारी पूर्ण रूप से गलत है। एक समय में यहां तमाम पुस्तकालय मौजूद थे। लेकिन समय के साथ इन पुस्तकालयों को उचित संरक्षण नहीं मिला। संरक्षण के अभाव में समय के साथ धीरे-धीरे पुस्तकालय बंद होते चले गए। आज के समय में अगर कोई पुस्तकालय धरातल पर खुला भी दिखता है तो उसकी दशा इतनी खराब है कि उसे देखकर किसी भी पुस्तक प्रेमी को यहां आने की दोबारा इच्छा नहीं होगी। सरकारी संरक्षण और प्रोत्साहन नहीं मिलने के वजह से जिले के लगभग सभी पुस्तकालयों का हाल खस्ता है। इन पुस्तकालयों का अस्तित्व लगभग मिटने के कगार पर है। ज्ञान-विज्ञान के साधन रहे इन पुस्तकालयों के खंडहर में तब्दील होने से पुस्तक प्रेमी व बुद्धिजीवियों में शासन-प्रशासन के प्रति गहरा क्षोभ है।

बंद रहता है शहर का जिला पुस्तकालय

पुस्तकालयों की इसी कड़ी में शामिल है शिक्षा कार्यालय का एकमात्र जिला स्तरीय पुस्तकालय। इस पुस्तकालय की दशा सुधारने के लिए काफी प्रयास किए जा चुके हैं। लेकिन इस पुस्तकालय की दशा आज तक दुरुस्त नहीं हो सकी है। ऐसे में वर्तमान समय में जिला स्तरीय पुस्तकालय भी अधिकांश समय बंद ही रहता है। कागज में ये हैं प्रखंड स्तरीय पुस्तकालय

1. केशव पुस्तकालय मांझा

2. नेहरू पुस्तकालय बलिवन सागर

3. आदर्श पुस्तकालय भोजहाता

4. श्री राम पुस्तकालय, बालाहाता

5. बरौली पुस्तकालय एवं गोष्ठी, भड़कुईयां, बरौली

6. हरखौली मीरगंज प्रखंड पुस्तकालय, रजिस्ट्री रोड मीरगंज

7. डा. भीमराव अंबेडकर पुस्तकालय, सफियाबाद बैकुंठपुर

8. कमल क्लब पुस्तकालय, हरखौली, मीरगंज

9. इन्दू प्रखंड पुस्तकालय, धरमपुर, कुचायकोट इन्हें मिला है ग्रामीण पुस्तकालय का दर्जा

* श्री माधव पुस्तकालय, दयालछापर जगतौली

* जनता पुस्तकालय, परौनाहाता लामीचौर

* विश्व बंधु पुस्तकालय, दिक्षीतौली हुस्सेपुर

* विन्देश्वरी पुस्तकालय, धनौती कटेया

* बाल विकास पुस्तकालय, कटेया

* समाज सेवी पुस्तकालय, बंगरा बाजार

* अहियापुर, ग्राम विकास पुस्तकालय जिगना दुबे

* भोरे, आदर्श ग्राम पुस्तकालय

* कमलाकांत कररिया, रामनरेश पुस्तकालय

* आदर्श पुस्तकालय सोहरी राजापुर

* अनुग्रह पुस्तकालय लुहसी लामीचौर

* राजाराम पुस्तकालय रानीपुर, भोरे

* प्रभात पुस्तकालय अमही ओझा, सोहनरिया कटेया

* अरुणोदय पुस्तकालय कोरेया दीक्षित

* श्री विद्यार्णत पुस्तकालय बभनौली

* अजय पुस्तकालय उदयपुरा मटियारी

* विष्णुदत्त पुस्तकालय धनौती कटेया

* श्री कृष्ण पुस्तकालय कल्याणपुर

* नवजीवन पुस्तकालय सोहनरिया

* लालजीवन पुस्तकालय जगतौली

* जनता पुस्तकालय समनपुरा मांझागढ़


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