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मतदाता जागरुकता के लिए बच्चे सड़क पर, बढ़ा संक्रमण का खतरा

विधानसभा चुनाव को लेकर मतदाताओं को जागरूक करने के अभियान में रविवार को प्रशासन की देखरेख में कोविड-19 के दिशानिर्देशों का धज्जियां उड़ती दिखीं। हद तो तब हो गई जब तीन से पांच साल तक के बच्चों सेविकाओं ने रैली में सड़क पर उतार दिया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 05:18 PM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 05:10 AM (IST)
मतदाता जागरुकता के लिए बच्चे सड़क पर, बढ़ा संक्रमण का खतरा
मतदाता जागरुकता के लिए बच्चे सड़क पर, बढ़ा संक्रमण का खतरा

जागरण संवाददाता, गोपालगंज : विधानसभा चुनाव को लेकर मतदाताओं को जागरूक करने के अभियान में रविवार को प्रशासन की देखरेख में कोविड-19 के दिशानिर्देशों का धज्जियां उड़ती दिखीं। हद तो तब हो गई जब तीन से पांच साल तक के बच्चों सेविकाओं ने रैली में सड़क पर उतार दिया।

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सुबह से ही प्रशासनिक स्तर पर गठित स्वीप कोषांग के वाट्सएप ग्रुप पर बच्चों व सेविकाओं की तस्वीरें आती रही। लेकिन किसी भी अधिकारी ने इन तस्वीरों के आने के बावजूद कोई भी कार्रवाई नहीं की। यह स्थिति तब रही, जबकि स्वीप कोषांग के वाट्सएप ग्रुप में खुद जिलाधिकारी व उप विकास पदाधिकारी भी हैं।

जानकारी के अनुसार स्वीप कोषांग की ओर से तैयार किए गए कार्यक्रम में रविवार को आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से लोगों को मतदान के प्रति जागरूक करने का अभियान निर्धारित किया गया था। लेकिन इसमें कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए तीन साल से पांच साल तक के मासूम बच्चों के हाथ में तख्तियों को पकड़ाकर सड़क पर उतार दिया। आलम यह रहा कि बच्चों के चेहरे पर ना ही मास्क दिखा और ना ही शारीरिक दूरी का अनुपालन हुआ। खुद कई सेविका बिना मास्क के रैली में दिखी। ऐसी बात भी नहीं कि स्वीप कोषांग के आला अधिकारियों को इस बात की जानकारी नहीं थी। सुबह आठ बजे से ही तस्वीरें कोषांग के वाट्सएप ग्रुप पर आती रहीं। इनसेट

कोरोना काल में मासूम बच्चों को घर के अंदर ही रखने का है निर्देश

गोपालगंज : कोरोना काल में बच्चों व बुजुर्गो को संक्रमण से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग व सरकार के स्तर पर कई दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्रों पर ताला लटका हुआ है। बच्चों के घर से बाहर निकलने पर रोक लगा दी गई है। बावजूद इसके एक साथ बीस-बीस बच्चों को लेकर मतदाता जागरुकता कार्यक्रम में सेविकाओं का पहुंचना, व्यवस्था को चुनौती के समान है। इस संबंध में जब स्वीप कोषांग के वरीय पदाधिकारी सह उप विकास आयुक्त से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।


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