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बाजारों में बढ़ी रौनक, सजने लगीं रंगों की दुकानें

होली को लेकर खरीदारी के लिए लोगों के निकलने से अब बाजारों की रौनक बढ़ने लगी है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Mar 2019 06:48 PM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2019 06:48 PM (IST)
बाजारों में बढ़ी रौनक, सजने लगीं रंगों की दुकानें
बाजारों में बढ़ी रौनक, सजने लगीं रंगों की दुकानें

गोपालगंज : होली को लेकर खरीदारी के लिए लोगों के निकलने से अब बाजारों की रौनक बढ़ने लगी है। इसी के साथ ही जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंड मुख्यालयों तथा गांवों के हाट बाजारों में रंग और गुलाल की दुकानें भी सजने लगी हैं। अलग-अलग रंगों लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। इस बार बाजार में फूलों से बने रंग के साथ ही केमिकल युक्त रंगों की भरा दिख रही है। ऐसे में चिकित्सक लोगों को यह सलाह देने लगे हैं कि होली में रंगों को प्रयोग करें,पर सेहत का भी ध्यान रहें। केमिकल युक्त रंग त्वचा के साथ ही आंखों को भी नुकसान पहुंचाते हैं।

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होली करीब आने के साथ ही अब इस पर्व का रंग लोगों पर चढ़ने लगा है। दुकानों से लेकर गांवों में होली के गीत बचने लगे हैं। होली को लेकर लोग सामान की खरीदारी करने में जुट गए हैं। जिससे बाजारों में रौनक बढ़ने लगी है। लोग नए कपड़े से लेकर रंग अबीर तथा गुलाल की भी खरीदारी कर रहे हैं। लोग बताते हैं कि रंगों की मांग पिछले कुछ सालों में काफी बढ़ी है। पहले गांवों में अबीर से होली खेली जाती थी। लेकिन पिछले कुछ साल से गांवों में बाल्टी के पानी में रंग घोल लोग पूरे दिन रंगों की होली खेलते हैं। चिकित्सक बताते हैं कि रंगों के अधिक प्रयोग करने का प्रचलन बढ़ने से अब होली के बाद त्वचा तथा नेत्र से संबंधित रोग भी बढ़ जाते हैं। चिकित्सक सलाह देते हैं कि रंगों की होली खेले पर सेहत क भी ध्यान रहते हुए रंगों का इस्तेमाल कम करें। होली की मस्ती में मत करें पानी की बर्बादी

गोपालगंज : होली रंगों का त्योहार जरूर है। लेकिन पानी के बचाव की ओर भी सभी को ध्यान देने की जरूरत है। होली की मस्ती में पानी की बर्बादी को रोकने के प्रश्न पर बुद्धिजीवी भी एकमत दिखते हैं। समाजशास्त्री मदन मोहन शास्त्री कहते हैं कि होली परस्पर प्रेम का प्रतीक है। इसमें रंगों के अधिक प्रयोग से बचना चाहिए। डॉ. सुनील कुमार रंजन कहते हैं कि होली के मौके पर अधिक रंगों के प्रयोग से त्वचा को नुकसान पहुंचता है। साथ ही त्वचा से रंग को हटाने में भी पानी की बर्बादी होती है। ऐसे में इस त्योहार में रंग के प्रयोग में सावधानी अपेक्षित है। पर्यावरण के जानकार डॉ. मनीष कहते हैं कि मनुष्य के जीवन में पानी का महत्व काफी है। ऐसे में पानी को बचाने के लिए सभी को मिलकर एक-साथ प्रयास करना चाहिए।


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