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Gopalganj: नाम के लिए जिले में चल रही 38 सरकारी एंबुलेंस, गर्भवती महिलाओं और मरीजों को नहीं मि‍ल रहा लाभ

Gopalganj News जिले के सदर अस्पताल से लेकर सभी सीएचसी व पीचएचसी में आने वाले गंभीर मरीजों को प्रखंड से जिला मुख्यालय व पटना आदि शहर में ले जाने के लिए सरकार की तरफ से एंबुलेंस की सुविधा मुहैया कराई गई।

By Rajat KumarEdited By: Prateek JainPublished: Mon, 20 Mar 2023 12:07 AM (IST)Updated: Mon, 20 Mar 2023 12:07 AM (IST)
Gopalganj: नाम के लिए जिले में चल रही 38 सरकारी एंबुलेंस, गर्भवती महिलाओं और मरीजों को नहीं मि‍ल रहा लाभ
Gopalganj: नाम के लिए जिले में चल रही 38 सरकारी एंबुलेंस, गर्भवती महिलाओं और मरीजों को नहीं मि‍ल रहा लाभ

गोपालगंज, जागरण संवाददाता: जिले के सदर अस्पताल से लेकर सभी सीएचसी व पीचएचसी में आने वाले गंभीर मरीजों को प्रखंड से जिला मुख्यालय व पटना आदि शहर में ले जाने के लिए सरकार की तरफ से एंबुलेंस की सुविधा मुहैया कराई गई।

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पूरे जिले में संचालित 38 एंबुलेंस विभाग के अनुसार पूरी तरह से फि‍ट है। इनमें कई ऐसे एंबुलेंस भी हैं, जो जर्जर अवस्था में चल रही है। जिले में 38 एंबुलेंस होने के बाद भी मरीजों को उसकी बेहतर सुविधा नहीं मिल पाती है।

जानकारी के अनुसार, जिले के सदर अस्पताल में छह, कुचायकोट सीएचसी में दो, मांझा पीएचसी में एक, थावे पीएचसी में एक, हथुआ अनुमंडलीय अस्पताल में दो, सिधवलिया में एक, बरौली में एक, बैकुंठपुर में दो, उचकागांव सीएचसी में एक, भोरे में एक, विजयीपुर में एक सहित अन्य पीएचसी सहित पूरे जिले में कुल 38 सरकारी एंबुलेंस संचालित हैं।

इसके बावजूद गर्भवती महिला को अस्पताल तक आने के लिए एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिल पाती है। साथ ही सदर अस्पताल से पटना व गोरखपुर जाने के लिए भी लोगों को निजी एंबुलेंस का सहारा लेना पड़ता है।

इसको लेकर डीएम डा. नवल किशोर चौधरी ने सभी मरीजों को समय से एंबुलेंस मुहैया कराने का निर्देश भी दिया था। साथ ही गर्भवती महिलाओं को भी घर से सरकारी अस्पताल तक लेकर आने व जाने के लिए भी एंबुलेंस महुैया कराने का निर्देश दिया गया है। इसके बावजूद भी मरीजों को समय से एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिल पाती है।

इस संबंध में अस्पताल मैनेजर ने सिद्धार्थ कुमार ने बताया कि सभी मरीजों को एंबुलेंस की सुविधा दी जाती है। कुछ ऐसे मरीज भी होते हैं, जो एंबुलेंस लेने का प्रयास नहीं करते हैं। अपने ही निजी वाहन से अस्पताल तक आने का कार्य करते हैं।


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