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लालू प्रसाद के गृह जनपद में अब तक हावी रहा नीतीश फैक्टर

लोकसभा चुनाव में अब एक बार फिर जदयू तथा राजद के प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। जदयू ने डॉ.आलोक कुमार सुमन तथा राजद ने सुरेंद्र राम उर्फ महान को अपना प्रत्याशी बनाया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Apr 2019 05:44 PM (IST)Updated: Sat, 06 Apr 2019 06:31 AM (IST)
लालू प्रसाद के गृह जनपद में अब तक हावी रहा नीतीश फैक्टर
लालू प्रसाद के गृह जनपद में अब तक हावी रहा नीतीश फैक्टर

गोपालगंज : लोकसभा चुनाव में अब एक बार फिर जदयू तथा राजद के प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। जदयू ने डॉ.आलोक कुमार सुमन तथा राजद ने सुरेंद्र राम उर्फ महान को अपना प्रत्याशी बनाया है। राजग तथा महागठबंधन से जदयू तथा राजद के प्रत्याशी घोषित होने के बाद जिले में दोनों गठबंधन के कार्यकर्ताओं ने चुनाव प्रचार तेज कर दिया है। इस बार जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा यह तो चुनाव परिणाम के बाद ही साफ हो सकेगा। लेकिन अब तक हुए लोकसभा चुनाव में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के गृह जनपद गोपालगंज संसदीय सीट पर नीतीश फैक्टर हॉवी रहा है। राजनीति में लालू प्रसाद तथा नीतीश कुमार की राहें एक दूसरे से जुदा होने के बाद 1989 से अब तक हुए लोकसभा चुनाव में छह बार नीतीश कुमार के पार्टी के प्रत्याशी जीत का परचम लहरा चुके हैं। इसबीच हुए लोकसभा चुनाव में राजद को एक बार जीत मिली। साल 2004 में लालू प्रसाद के साले साधु यादव ने इस सीट पर राजद का खाता खोला था।

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गोपालगंज में साल 1957 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी डॉ. सैयद महसूद जीते थे। इसके बाद 1071 तक इस सीट पर कांग्रेस का ही कब्जा रहा। 1961 से 1971 तक कांग्रेस के द्वारिकानाथ तिवारी ने लगातार जीत की हैट्रिक लगाई। हालांकि 1977 में द्वारिकानाथ तिवारी भारतीय लोकदल के टिकट पर चुनाव लड़े। इस चुनाव में इन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी सूबे के पूर्व मुख्यमत्री अब्दुल गफूर को हराकर जीत दर्ज किया। लेकिन इसके अगले चुनाव 1980 कांग्रेस के प्रत्याशी नगीना राय ने जाप के टिकट पर मैदान में उतरे द्वारिकानाथ तिवारी को हराकर फिर यह सीट कांग्रेस के पाले में आ गिरा। यह जीत इस सीट पर कांग्रेस की अब तक की आखिरी जीत रही। इसके बाद लालू प्रसाद के गृह जनपद में नीतीश कुमार का फैक्टर हॉवी हो गया। साल 1889 में राजमंगल पाण्डेय ने जनता दल के टिकट पर जीत दर्ज की। इसके अगले चुनाव 1991 में जनता दल के टिकट पर मैदान में उतरे अब्दुल गफूर को जीत मिली। साल 1996 में जनता दल के लालबाबू प्रसाद यादव, साल 1998 में समता के टिकट पर अब्दुल गफूर तथा साल 1999 में जदयू के टिकट पर रघुनाथ झा ने जीत दर्ज किया। हालांकि इसके अगले चुनाव 2004 में साधु यादव ने जीत दर्ज कर इस सीट पर राजद का खाता खोला। लेकिन अगले चुनाव साल 2009 में जदयू के पूर्णमासी राम को इस सीट पर जीत मिली। साल 2014 में इस सीट पर राजद ने अपना प्रत्याशी नहीं उतारा। यह सीट कांग्रेस के खाते में चली गई थी। इस चुनाव में भाजपा के जनक राम को जीत मिली। अब एक बार फिर इस सीट पर जदयू तथा राजद के प्रत्याशी मैदान में हैं। राजग ने जदयू तथा महागठबंधन ने राजद के प्रत्याशी को मैदान में उतरा है। अब चुनाव परिणाम के बाद ही यह बता चलेगा की लालू प्रसाद के जिले में जीत का सहेरा इस बार किसके सिर बंधेगा।


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