Move to Jagran APP

तालाब में तैर रहीं मछलियां, लीची बाग में बांग देंगे कड़कनाथ

गोपालगंज जिले में कड़कनाथ मुर्गे की फार्मिंग शुरू करने की पहल अब अपने मुकाम पर पहुंचने

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 11:43 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 11:43 PM (IST)
तालाब में तैर रहीं मछलियां, लीची बाग में बांग देंगे कड़कनाथ
तालाब में तैर रहीं मछलियां, लीची बाग में बांग देंगे कड़कनाथ

गोपालगंज : जिले में कड़कनाथ मुर्गे की फार्मिंग शुरू करने की पहल अब अपने मुकाम पर पहुंचने वाली है। बैकुंठपुर के कतालपुर गांव निवासी असफाक अहमद के लीची के बगीचे में कड़कनाथ के बांग के साथ बत्तख थिरकेंगे। इस युवा के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत बगीचे में बनी तालाब में मछलियां भी अठखेली करने लगी हैं। बगीचे में कड़कनाथ के साथ बत्तख की भी फार्मिंग शुरू की जाएगी। यहां युवाओं को आर्गेनिक खेती के साथ-साथ मुर्गी व बत्तख फार्मिंग का प्रशिक्षण दिए जाने की योजना है। इससे इलाके में रोजगार के अवसर बढ़ने की उम्मीद जगी है। युवा यहां से प्रशिक्षण पाकर मुर्गी, बत्तख फार्मिंग व मत्स्य पालन के क्षेत्र में अपना काम धंधा शुरू कर स्वावलंबी बन सकेंगे।

loksabha election banner

असफाक अहमद उर्फ सड्डू बाबू खेतीबाड़ी के साथ-साथ आयुर्वेदिक दवाइयों का कारोबार करते हैं। लीची के बाग से भी उन्हें अच्छी आमदनी होती है। लेकिन, वे कुछ ऐसा काम करना चाहते थे, जिससे कारोबार बढ़ने के साथ ही इलाके के युवकों को रोजगार के नए अवसर मिल सके। इसी को ध्यान में रखते हुए केरल तथा आंध्रप्रदेश में प्रशिक्षण लेने के बाद उन्होंने अपने लीची के बाग में मत्स्य पालन, कड़कनाथ मुर्गी व बत्तख की फार्मिंग करने की पहल की। असफाक बताते हैं कि पिछले साल केरल तथा आंध्रप्रदेश में प्रशिक्षण लेने के दौरान ही उन्होंने लीची के बगीचे में इसके लिए दो करोड़ का प्रोजेक्ट तैयार किया। वहां से आने के बाद उन्होंने तैयारी शुरू कर दी। फॉर्मिंग का कार्य करीब एक तिहाई पूरा को गया, तभी कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन लगने के कारण काम बंद कर देना पड़ा। लॉकडाउन के दौरान ही पूरा इलाका विनाशकारी बाढ़ की चपेट में आ गया। इस वजह से फॉर्मिंग का काम शुरू नहीं हो पाया। उन्होंने बताया कि बाढ़ का पानी उतरने के बाद फिर से काम शुरू कर बगीचे के बीच तालाब तैयार कर लिया गया। अब तालाब में मछलियां पल रही हैं। उन्होंने बताया कि अब बगीचे की चहारदीवारी तथा फार्मिंग के लिए फ्रेम बनाने का काम अंतिम चरण में है। मार्च माह से यहां कड़कनाथ मुर्गी तथा बत्तख के फॉर्मिंग का काम शुरू हो जाएगा। इस फॉर्म में दस हजार बत्तख तथा एक हजार कड़कनाथ मुर्गी पाले जाएंगे। इससे प्रतिदिन आठ हजार अंडे व सात हजार चूजे तैयार होंगे। उन्होंने बताया कि यहां प्रशिक्षण लेकर आर्गेनिक तरीके से खेती तथा मुर्गी व बत्तख की फार्मिंग कर अपना कामधंधा शुरू करने वाले युवकों को दवाइयां तथा दाना भी उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिले में पहली बार कड़कनाथ मुर्गी तथा बत्तख की फार्मिंग की जा रही है। उम्मीद है कि इस इलाके में रोजगार के अवसर बढें़गे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.