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क्रिमिनल रिविजन था पहला मुकदमा, मिली थी सफलता

मैं हथुआ थाना क्षेत्र के नया गांव तुलसिया का मूल निवासी हूं। व्यवहार न्यायालय में मैं वर्ष 1995 से वकालत के पेशे में आया था। इस पेशे में आने के बाद वर्ष 1996 में मेरे पास पहला मुकदमा भोरे थाना क्षेत्र के दुबवलिया गांव के दिनेश तिवारी का आया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Sep 2018 09:05 PM (IST)Updated: Mon, 10 Sep 2018 09:05 PM (IST)
क्रिमिनल रिविजन था पहला मुकदमा, मिली थी सफलता
क्रिमिनल रिविजन था पहला मुकदमा, मिली थी सफलता

गोपालगंज : मैं हथुआ थाना क्षेत्र के नया गांव तुलसिया का मूल निवासी हूं। व्यवहार न्यायालय में मैं वर्ष 1995 से वकालत के पेशे में आया था। इस पेशे में आने के बाद वर्ष 1996 में मेरे पास पहला मुकदमा भोरे थाना क्षेत्र के दुबवलिया गांव के दिनेश तिवारी का आया। मैंने दिनेश तिवारी की ओर से क्रिमिनल रिविजन वाद दाखिल किया। मुझे याद है, इस मुकदमा में दिनेश तिवारी आवेदक थे। वकालत में आने के बाद यह मेरा मुकदमा था। ऐसे में मैंने इस वाद को जीतने के लिए काफी परिश्रम किया। इस मुकदमा में मैंने अपने वरीय अधिवक्ता से विमर्श किया। उनकी सलाह से इस वाद में जब अंतिम बहस हुई तो मुझे जीत मिली। मुझे इस मुकदमा में ही इस बात की सीख मिली कि अगर पूरी तैयारी से किसी भी वाद को लड़ा जाए तो उसमें सफलता की संभावना अधिक होती है। इस पेशे में खुद पर विश्वास रखना जरूरी है। इस पेशे में वरीय अधिवक्ताओं का समय-समय पर मार्गदर्शन लेना भी हमेशा से ही हितकारी होता है। वकालत ऐसा पेशा है, जिसमें प्रत्येक दिन कानूनी पुस्तकों को पढ़ना तथा जरूरत के हिसाब से खुद को उसके लिए मानसिक रूप से तैयार करना भी जरूरी होता है।

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अनिल कुमार तिवारी

अधिवक्ता, सिविल कोर्ट गोपालगंज


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