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कटेया नपं क्षेत्र में ही कचरा डंप किए जाने से बढ़ी बीमारियों की आशंका

गोपालगंज उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे कटेया नगर पंचायत क्षेत्र में कचरा प्रबंधन की व्यवस्था अब

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Jun 2022 07:27 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jun 2022 07:27 PM (IST)
कटेया नपं क्षेत्र में ही कचरा डंप किए जाने से बढ़ी बीमारियों की आशंका
कटेया नपं क्षेत्र में ही कचरा डंप किए जाने से बढ़ी बीमारियों की आशंका

गोपालगंज : उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे कटेया नगर पंचायत क्षेत्र में कचरा प्रबंधन की व्यवस्था अब तक लागू नहीं हो सकी है। इस नगर पंचायत क्षेत्र में कचरे को एक स्थान से उठाकर दूसरे स्थान पर डालने का खेल जारी है। इस नगर पंचायत क्षेत्र में कचरा निकालने के बाद नगर पंचायत क्षेत्र के बीच में ही खाली स्थान पर डाल दिया जाता है। इसका नतीजा नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड नंबर पांच व छह व वार्ड 11 के लोग भुगत रहे हैं। कचरे से उठती बदबू दोनों वार्ड के लोगों के अलावा राह चलने वाले लोगों को भी बीमार बना रहा है।

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लंबे समय तक कटेया शहरी क्षेत्र को अधिसूचित क्षेत्र का दर्जा प्राप्त रहा। समय के साथ करीब दो दशक पूर्व कटेया को नगर पंचायत क्षेत्र का दर्जा दिया गया। तब मीरगंज में कुल वार्ड की संख्या 13 रही है। नगर पंचायत क्षेत्र बनने के बाद भी कटेया शहरी क्षेत्र में नगर निकाय जैसी सुविधा लोगों को नहीं मिल सकी है। नपं क्षेत्र में कचरे के उठाव व उसके निस्तारण की व्यवस्था सबसे खराब स्थिति में है। लंबे समय से कटेया नगर पंचायत क्षेत्र से निकलने वाले कचरे को उठाकर वार्ड नंबर पांच छह व 11 में ही फेंक दिया जाता है। यह इलाका भी नगर निकाय क्षेत्र के अधीन ही आता है। लंबी अवधि बीतने के बाद भी कचरा निस्तारण की व्यवस्था इस नगर क्षेत्र में नहीं होने पर स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं।

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प्रत्येक दिन निकल रहा चार से पांच ट्राली कचरा

कटेया : कटेया नगर पंचायत क्षेत्र में लंबी कवायद के बाद भी कचरा निस्तारण की व्यवस्था लागू नहीं हो सकी है। नगर पंचायत से प्रत्येक दिन चार से पांच ट्राली कचरा निकल रहा है। इस क्षेत्र से निकलने वाले कचरे के निस्तारण की व्यवस्था अबतक लागू नहीं हो सकी है।

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नपं क्षेत्र की सफाई को तैनात किए गए 55 कर्मी

कटेया : कटेया नपं क्षेत्र में सफाई की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए 55 सफाई कर्मी रखे गए हैं। इनके जिम्मे नपं क्षेत्र की सफाई की जिम्मेदारी है। इसके बाद भी शहरी इलाके के गलियों में कचरा दिख ही जाता है। हद तो तब होती है, जब सफाई कर्मी ही एक स्थान से कचरा उठाकर दूसरे स्थान पर डाल देते हैं।

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कहते हैं स्थानीय लोग

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बरसात के समय होती है सबसे अधिक मुश्किल

कटेया नगर पंचायत का दुर्भाग्य है कि नगर पंचायत गठन के इतने दिनों बाद भी नगर का कचरा नगर के ही सड़क के किनारे डंप किया जाता है। ऐसे में बरसात के दिनों में बदबू से लोगों का जीना मुश्किल हो जाता है।

सुनील कुमार गुप्ता

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दुर्गंध से होती है वार्ड के लोगों को परेशानी

आवासीय क्षेत्र में पूरे नगर पंचायत का कूड़ा-कचरा फेंका जाना गंभीर बीमारी को बुलावा देना है। इससे निकलने वाले दुर्गंध से वार्ड के लोगों के अलावा राहगीरों को भी परेशानी होती है।

पियुष कुमार

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20 वर्ष बाद भी कचरा फेंकने के लिए नहीं मिला सही स्थान

यह कटेया नगर पंचायत के लिए बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण है। नगर पंचायत गठन के 20 वर्षो बाद भी इस नगर पंचायत में कचरा फेंकने के लिए सही स्थान नहीं मिला है। नगर पंचायत के कार्यपालक को इसकी व्यवस्था कर लोगों को बीमारी से बचाने की दिशा में पहल करनी चाहिए।

प्रदीप धनराज

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कचरे से उठने वाले धुएं से होती है परेशानी

कटेया नगर पंचायत के विभिन्न जगहों पर सड़क के किनारे कचरा डंप कर आग लगा दी जाती है। इसके धुएं से प्रदूषण फैलता है तथा बीमारी फैलने की आशंका बनी रहती है। नगर पंचायत आवासीय क्षेत्र से दूर कचरा प्रबंधन के लिए स्थल चयन करना चाहिए।

अवध किशोर प्रसाद


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