Bihar News: 8 लाख की मांग ने उड़ाए होश, DPO समेत 3 पर कार्रवाई की तलवार; हटाए गए क्लर्क
गोपालगंज के शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है, जहां डीपीओ और क्लर्क पर एक शिक्षक से वेतन जारी करने के लिए 8 लाख रुपये की रिश्वत मांगने ...और पढ़ें

शिक्षा भवन गोपालगंज। (जागरण)
जागरण संवाददाता, गोपालगंज। जिला शिक्षा कार्यालय में भ्रष्टाचार का एक गंभीर मामला सामने आने के बाद पूरे शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। डीपीओ स्थापना मो. साहेब आलम, क्लर्क बाबुजान अंसारी और डीपीओ के गाड़ी के चालक पर प्राथमिक विद्यालय के एक शिक्षक से 8 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगा है।
इसी संबंध में इंटरनेट मीडिया पर कई ऑडियो क्लिप वायरल हुआ है, जिसने मामले को और गरमा दिया है। हालांकि, वायरल ऑडियो की पुष्टि दैनिक जागरण नहीं करता है। मामला बरौली प्रखंड के खजुरिया पंचायत के हलवाड़ प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक ग्यासुद्दीन से जुड़ा बताया गया है।
उनका वेतन वर्ष 2015 से विभागीय दांव-पेच, जांच-प्रक्रिया और नोटिंग की बाधाओं के कारण रुका हुआ था। लगातार प्रयास के बाद भी वेतन निर्गत नहीं हुआ तो शिक्षक ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। पटना उच्च न्यायालय ने नवंबर 2024 में वेतन भुगतान का स्पष्ट आदेश दिया, जिसके बाद विभाग ने उनका वेतन जारी किया। लेकिन वेतन भुगतान के तुरंत बाद ही शिक्षक से 8 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप सामने आया।
दावा है कि यह दबाव विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा बनाया गया। पीड़ित शिक्षक को धमकी भी दी गई। मामला राजनीतिक स्तर तक पहुंच गया है।
तिरहुत स्नातक क्षेत्र के विधान परिषद सदस्य बंशीधर ब्रजवासी ने सदन में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि जब हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी शिक्षक से धन की मांग की जाए, तो यह शिक्षा विभाग की पारदर्शिता पर बड़ा सवाल है।
उन्होंने डीपीओ स्थापना, क्लर्क और चालक पर त्वरित कार्रवाई की मांग की है। इस पूरे प्रकरण पर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि मामले की जांच चल रही है। जो भी दोषी पाए जाएंगे, उन्हें किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा।
इधर, जिले के सैकड़ों शिक्षकों में भी नाराजगी बढ़ती जा रही है। उनका कहना है कि जब हाईकोर्ट के आदेश पर भी वेतन निर्गत कराने के लिए पैसे मांगे जाएं, तो यह व्यवस्था की विफलता को दर्शाता है। शिक्षकों ने संकेत दिए हैं, कि अगर जल्द पूरी कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन की राह अपनाने को बाध्य होंगे।
फिलहाल, यह मामला शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न खड़ा कर चुका है और सबकी निगाहें जांच रिपोर्ट और आगे होने वाली कार्रवाइयों पर टिकी हैं।
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने 24 घंटे में मांगा जवाब
शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार का मामला गंभीर रूप लेते हुए अब प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई की दिशा में बढ़ गया है। शिक्षक से 8 लाख रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) ने डीपीओ स्थापना मो. साहेब आलम और क्लर्क बाबुजान अंसारी को अलग-अलग कारण-पत्र (शो- कॉज) जारी किया है। दोनों पत्रों में अधिकारियों से 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा गया है।
शिक्षक से रिश्वत मांगने का आरोप, डीईओ ने माना मामला गंभीर
दोनों कारण-पत्रों में जिला शिक्षा पदाधिकारी योगेश कुमार ने लिखा है कि इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित ऑडियो में शिक्षक द्वारा लगाए गए आरोप अत्यंत गंभीर हैं।
पत्र में यह भी उल्लेख है कि उक्त ऑडियो में सरकारी सेवक के आचरण के विपरीत और कर्तव्यहीनता की पुष्टि होती है। डीईओ ने डीपीओ, स्थापना व क्लर्क को नोटिस देते हुए कहा है कि आपको यह स्पष्ट करना होगा कि आपके द्वारा शिक्षक से रिश्वत मांगने के आरोप क्यों न सत्य माना जाए।
निर्दिष्ट अवधि में जवाब नहीं मिलने पर यह माना जाएगा कि आपको इस संबंध में कुछ नहीं कहना है। तत्पश्चात कानून एवं विभागीय कार्रवाई स्वतंत्र रूप से की जाएगी।
क्लर्क बाबूजान अंसारी को हटाया गया, नए कर्मी की तैनाती
डीईओ द्वारा जारी कारण-पत्र के साथ ही क्लर्क बाबूजान अंसारी को तत्काल प्रभाव से हटाते हुए उनके स्थान पर दूसरे कर्मी धीरज कुमार की तैनाती कर दी गई है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि जांच लंबित रहने तक यह प्राथमिक कार्रवाई की गई है।

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