हथुआ में हाथी-घोड़े के साथ निकाला गया दशहरा चक्कर जुलूस
विजयादशमी के दिन हथुआ राज पैलेसे से दशहरा चक्कर जुलूस निकाला गया। हाथी-घोड़ा व राजसी बग्घी के साथ निकला दशहरा चक्कर जुलूस जिधर से होकर गुजरा उसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान भगवान के जयकारे गूंजते रहे।
गोपालगंज : विजयादशमी के दिन हथुआ राज पैलेसे से दशहरा चक्कर जुलूस निकाला गया। हाथी-घोड़ा व राजसी बग्घी के साथ निकला दशहरा चक्कर जुलूस जिधर से होकर गुजरा उसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान भगवान के जयकारे गूंजते रहे।
हथुआ में हथुआ राज के तत्वाधान में दशहरा के दिन पिछले कई दशकों से दशहरा चक्कर जुलूस निकालने की परंपरा चली आ रही है। दशहरा चक्कर जुलूस में हथुआ राज परिवार के सदस्य अपने पूरे राजसी परिधान में शामिल होते हैं। इस बार दशहरा को मंगलवार की शाम भी दशहरा चक्कर जुलूस परंपरा के अनुसार निकाला गया। हथुआ राज की महारानी पूनम साही ने परंपरा के अनुसार गणेश पूजन के बाद इस जुलूस को रवाना किया। जुलूस हथुआ पैलेस से निकलकर गोपाल मंदिर, पुरानी किला, कृष्ण भवन, केसर बाग होते हुए पुन: हथुआ पैलेस में लौटा। जुलूस जिधार से निकला उसे देखने के लिए लोग उमड़ पड़े। जुलूस में शामिल हथुआ राज की राजसी बग्घी सभी के आकर्षण का केंद्र बनी रहीं। बताया जाता हूे कि राजतंत्र के जमाने से ही विजयादशमी के दिन हथुआ राज परिवार दशहरा मेले का निरीक्षण करने के बाद जनता का अभिवादन स्वीकार करने के लिए दशहरा चक्कर का आयोजन करता आ रहा है। पहले इस दिन हथुआ में विराट पशु मेले का आयोजन होता था। लेकिन वर्तमान समय में पशु मेले के आयोजन की परंपरा समाप्त हो गई है। दशहरा चक्कर के मौके पर हथुआ राज परिवार के कई सदस्य भी मौजूद रहे।