उचकागांव में सरकारी भवनों के पीछे डंप कचरा दे रहा बीमारियों को निमंत्रण
गोपालगंज नगर निकायों की ही तरह जिले के प्रखंड मुख्यालयों में भी कचरा निस्तारण की व्यवस्था
गोपालगंज : नगर निकायों की ही तरह जिले के प्रखंड मुख्यालयों में भी कचरा निस्तारण की व्यवस्था को लागू नहीं किया जा सका है। इसका खामियाजा प्रखंड मुख्यालयों में रहने वाले लोग भुगत रहे हैं। जिले का उचकागांव प्रखंड इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। यहां के लोग भी कचरे की समस्या से जूझ रहे हैं। इस प्रखंड में कचरा निस्तारण के लिए स्थान की व्यवस्था नहीं होने के कारण सरकारी कार्यालय के पीछे ही कचरा डंप करने का स्थान बना दिया गया है। ऐसे में बीमारियां फैलने की आशंका से लोग भयभीत रहते हैं।
करीब 56 वर्ष पूर्व उचकागांव प्रखंड की स्थापना हुई थी। लंबी अवधि बीतने के बाद भी इस प्रखंड मुख्यालय में कचरे के निस्तारण की व्यवस्था अबतक लागू नहीं हो सकी है। ऐसे में लोग अपने घरों से निकलने वाला कचरा सड़क किनारे से लेकर सरकारी भवनों के पीछे के हिस्से में डालना सुरक्षित समझते हैं। हद तो तब है जब अस्पतालों से निकलने वाले मेडिकल वेस्टेज भी अस्पताल के पीछे फेंक दिया जाता है। उचकागांव पंचायत के अंतर्गत ही उचकागांव प्रखंड मुख्यालय के साथ-साथ जगरनाथा बाजार भी आता है। प्रखंड मुख्यालय में ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, थाना, जगरनाथा स्थित बैंक, प्रखंड कार्यालय सहित एक दर्जन से अधिक सरकारी और अर्ध सरकारी कार्यालय मौजूद हैं। सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं के साथ जगरनाथा बाजार की दुकानों के अलावा यहां के निवासियों के घरों से निकलने वाले कचरे के प्रबंधन की कोई व्यवस्था अभी तक नहीं की जा सकी है। नतीजतन, अस्पताल से लेकर दुकानों तक व घरों से लेकर कार्यालयों तक सफाई के नाम पर कचरे को एक जगह से निकालकर दूसरे जगह फेंकने का खेल चलता रहता है।
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जहां-तहां फेंका जाता है मेडिकल वेस्टेज
उचकागांव प्रखंड मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उचकागांव से निकलने वाले अति संवेदनशील मेडिकल वेस्टेज के निस्तारण की व्यवस्था नहीं है। मेडिकल वेस्टेज को अस्पताल के पीछे यूं ही खुले में फेंक दिया जाता है। जो गंभीर बीमारियों को नियंत्रण देता है।
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जगरनाथ बाजार में सड़क किनारे जमा होता कचरा
उचकागांव के जगरनाथा बाजार में सड़क किनारे कचरे जमा होने के कारण बाजार वासियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जब यह कचरा सड़क के किनारे से उड़कर नालियों में जमा हो जाता है और फिर बारिश के साथ ही नालियां जाम हो जाती हैं। इधर, ओडीएफ प्लस योजना के तहत गांवों में भी कचरा प्रबंधन को लेकर काम प्रारंभ किया गया है। प्रखंड मुख्यालय से संबंधित उचकागांव पंचायत में भी जमीन चयन व भूमि पूजन के बाद कचरा प्रबंधन का कार्य ठप पड़ा है।
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जगरनाथा बाजार में कचरे का उठाव की व्यवस्था नहीं होने से सड़क किनारे पड़ा कचरा बदबू देता रहता है। वर्षा के समय नाली जाम होने से बाजार की स्थिति बिगड़ जाती है।
मुकेश सिंह, समाजसेवी
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उचकागांव प्रखंड मुख्यालय पर कचरा उठाव की व्यवस्था नहीं होने से स्थानीय निवासियों द्वारा सरकार द्वारा संचालित केवाईपी भवन के बगल में व सरकारी भवनों के पीछे घरों से निकलने वाला कचरा फेंका जाता है। इससे आसपास में गंदगी फैली रहती है।
विजय सिंह, प्रबंधक- केवाइपी उचकागांव
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लंबी अवधि बीतने के बाद भी उचकागांव के लोगों को कचरे के ढेर से मुक्त नहीं मिल सकी है। कचरे का ढेर पड़ा होने के कारण प्रखंड मुख्यालय में गंभीर बीमारी फैलने की आशंका बनी रहती है।
सुबास तिवारी, दवा व्यवसायी, उचकागांव