बेटा बन बेटी ने किया अपने पिता का श्राद्धकर्म
गोपालगंज। लंबी बीमारी के बाद अपने पिता की मौत के बाद उन्हें मुखाग्नि कौन देगा यह समस्या एक बेटी के सामने खड़ी हो गई। पट्टीदारों ने अचल संपत्ति अपने नाम करने पर मृतक को मुखाग्नि देने की बात कही। तब इस बेटी ने बेटा बन अपने पिता को मुखाग्नि दिया। बेटी के पिता को मुखाग्नि देना लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
गोपालगंज। लंबी बीमारी के बाद अपने पिता की मौत के बाद उन्हें मुखाग्नि कौन देगा यह समस्या एक बेटी के सामने खड़ी हो गई। पट्टीदारों ने अचल संपत्ति अपने नाम करने पर मृतक को मुखाग्नि देने की बात कही। तब इस बेटी ने बेटा बन अपने पिता को मुखाग्नि दिया। बेटी के पिता को मुखाग्नि देना लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। मामला हथुआ अनुमंडल से सटे बरवा कपरपुरा गांव का है। बीते एक मार्च को इस गांव के निवासी सुरेंद्र सिंह की लंबी बीमारी के बाद मौत हो गई। तब शव का दाह संस्कार करने के लिए पट्टीदारों ने मृतक का कोई पुत्र नहीं होने को देखते हुए उनकी सारी अचल संपत्ति अपने नाम लिखने शत रखी। विपदा की इस घड़ी में रोते बिलखते परिजन को सांत्वना देते हुए मृतक सुरेंद्र सिंह की पुत्री गगन कुमारी ने अपने पिता को मुखाग्नि दिया। दाह संस्कार के बाद मंगलवार को श्राद्ध कर्म था। श्राद्ध कर्म में भी पट्टीदार अचल संपत्ति अपने नाम नहीं करने को लेकर इसमें शामिल नहीं हुए। पट्टीदारों के शामिल नहीं होने पर गगन कुमारी ने खुद अपने पिता का श्रद्ध कर्म किया। गगन कुमारी मीरगंज में स्थित सेंट्रल स्कूल में कक्षा सातवीं की छात्रा है। अपने पिता का श्राद्ध कर्म करने के बाद उसने कहा कि बेटा और बेटी में कोई फर्क नहीं है। दुख इस बात का है कि विपदा की घड़ी में अपने लोगों ने साथ नहीं दिया। अब इस छात्रा पर अपनी बहन अंजली निशा तथा तीन छोटे भाई खुशहाल, कुणाल, रिदम के अलावा अपनी मां सीमा देवी व दादी राजमती देवी की देखभाल करने की जिम्मेदारी आ गई है।