जर्जर विद्युत तार जीवन के लिए बने आफत
वैसे तो बिजली से अंधेरे स्थानों पर रोशनी फैल जाती है। लेकिन यहीं बिजली के तार कई घरों के लोगों के जीवन में अंधेरा लाने का भी कार्य करता है।
गोपालगंज। वैसे तो बिजली से अंधेरे स्थानों पर रोशनी फैल जाती है। लेकिन यहीं बिजली के तार कई घरों के लोगों के जीवन में अंधेरा लाने का भी कार्य करता है। आंकड़े गवाह हैं कि बिजली विभाग की लापरवाही सैकड़ों लोगों पर भारी पड़ चुकी है। पिछले एक साल के दौरान हजारों एकड़ में तैयार फसलें जलकर बर्बाद हो चुकी हैं। आंकड़े गवाह हैं कि करंट युक्त तार के टूटकर गिरने से दर्जनों घर जल गए तथा लोग एक ही झटके में खुले आसमान के नीचे आ गए। एक साल की अवधि में करंट युक्त तार की चपेट में आने से 39 लोगों की मौत हो चुकी है। अलावा इसके एक सौ से अधिक पशु भी असमय काल कलवित होने को विवश हुए। बावजूद इसके बिजली विभाग के अधिकारियों की तंद्रा अब भी नहीं टूट सकी है।
शहर से लेकर गांवों तक में बिजली विभाग की ओर से विद्युत आपूर्ति के लिए लगाए गए विद्युत तार की हालत एक समान है। जर्जर विद्युत तार के सहारे बिजली की आपूर्ति लंबे समय से की जा रही है। इस अवधि में तारों को बदले जाने का समय-समय पर अभियान चला। लेकिन जहां तार बदले गए, वहां भी इससे किसी का भला होता नहीं दिखा। शहर से लेकर गांवों तक में विद्युत तार के टूटकर गिरने का सिलसिला लगातार चलता रहा। कहीं तार टूटकर गिरने से फसल जले तो कहीं घर। कहीं करंट की चपेट में आने से किसी की मौत हुई तो कहीं इसकी चपेट में आने से कोई व्यक्ति ¨जदगी भर के लिए अपंग हो गया। कुल मिलाकर जर्जर विद्युत तार से लोगों का सिर्फ अहित ही हुआ। विभाग के आंकड़े बताते हैं कि करंट युक्त विद्युत तार की चपेट में आने से सिर्फ आम लोगों की ही मौत नहीं हुई। विभाग की लापरवाही के चलते बिजली की मरम्मत करने पोल पर चढ़ने वाले करीब आधा दर्जन बिजली मिस्त्री भी असमय काल की गाल में समा गए। कई स्थानों पर आंदोलन हुए, लोगों ने सड़क जाम किया तथा विभाग के अधिकारियों के खिलाफ आंदोलन किया। लेकिन लोगों को सांत्वना देकर शांत करा दिया गया। अगर कहीं दोबारा आंदोलन हुआ तो ग्रामीणों पर सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करा दी गई। कुछ को जेल भेज कर मामले को दबा दिया गया। लेकिन मूल समस्या पर आजतक किसी भी अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया। इनसेट
इन स्थानों पर अब भी लोगों को जान का खतरा
गोपालगंज : विद्युत तार के काफी नीचे होने के कारण कई गांवों में लोगों के जान को खतरा बना हुआ है। आलम यह कि विभाग के निर्देशों के विपरीत कई इलाकों में तो लोगों के रिहायसी मकान के ऊपर से बिजली के तार गए हुए हैं। बैकुंठपुर का दिघवा दुबौली इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। ऐसा तब है जबकि पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी से किसी भी रिहायशी इलाके से तार नहीं ले जाने की स्पष्ट हिदायत दे रखी है। उचकागांव प्रखंड के ब्रह्माइन व लुहसी गांवों में काफी नीचे से गुजर रहा विद्युत तार, बैकुंठपुर प्रखंड के बसहां व विस्टौल गांवों में लगे जर्जर विद्युत तार, थावे के सेमरा में तीन दशक पुराने विद्युत तार, मीरगंज के बरईपट्टी में सड़क किनारे लटके विद्युत तार के अलावा बैकुंठपुर प्रखंड के कल्याणपुर में जमीन के मात्र तीन फीट ऊपर से गुजर रहे विद्युत तारों से लोगों के जान को खतरा पैदा हो गया है। अलावा इसके कई इलाकों में लटके विद्युत तार लोगों की मौत को दावत दे रहे हैं। लेकिन लंबे समय से स्थिति जस की तस बनी हुई है। इनसेट
सैकड़ों एकड़ में फसल व दर्जनों घर जले
गोपालगंज : इस साल गर्मी की शुरुआत के साथ ही करंट युक्त विद्युत तार के टूटकर गिरने का सिलसिला प्रारंभ हो गया है। अप्रैल माह में कई स्थानों पर तार टूटकर गिरने से सैकड़ों एकड़ में गेहूं की फसल जलकर राख हो गई। अलावा इसके डेढ़ दर्जन से अधिक घर जल गए। इस घटना में कई मवेशी भी आग में झुलस गए। लेकिन घटना के पीछे असली वजह जर्जर विद्युत तार ही रहे हैं। इनसेट
करंट से मौत के एक साल के आंकड़े
प्रखंड मौत
कुचायकोट 04
बरौली 06
भोरे 07
मांझा 03
हथुआ 05
गोपालगंज 03
बैकुंठपुर 04
फुलवरिया 03
सिधवलिया 01
थावे 02
विजयीपुर 01
कुल 39
नोट : इस आंकड़े में बिजली बनाने गए मिस्त्री की मौत भी शामिल है। इनसेट
क्या कहते हैं अधिकारी
सरकार स्तर पर जिले के हाई वोल्टेज वाले तारों को बदले जाने की योजना तैयार की गई है। इसके तहत 33 हजार व 11 हजार के अलावा एलटी लाइन के पुराने जर्जर तारों को बदला जाएगा। यह कार्य दिसंबर माह के पूर्व पूर्ण किया जाएगा। इसके लिए समय सीमा निर्धारित की गई है।
सौरभ कुमार, कार्यपालक अभियंता, आपूर्ति