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ब्लि¨चग पाउडर के छिड़काव से कन्नी काट रहे मुखिया

गोपालगंज। जिले के आई विनाशकारी बाढ़ से तबाह हुए गांवों के ग्रामीणों पर अब अपने ही पंचा

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Oct 2017 03:02 AM (IST)Updated: Wed, 11 Oct 2017 03:02 AM (IST)
ब्लि¨चग पाउडर के छिड़काव से कन्नी काट रहे मुखिया
ब्लि¨चग पाउडर के छिड़काव से कन्नी काट रहे मुखिया

गोपालगंज। जिले के आई विनाशकारी बाढ़ से तबाह हुए गांवों के ग्रामीणों पर अब अपने ही पंचायत के मुखिया की उदासीनता भारी पड़ रही है। बाढ़ आने के समय अपने अपने पंचायत में चूड़ा-गुड तथा खाद्य सामग्री वितरण के लिए प्रशासन पर निशाना साधने वाले पंचायतों के मुखिया ने अब बाढ़ पीड़ितों की परेशानी की तरह से अपनी आंखे फेर ली है। बाढ़ प्रभावित पंचायतों के मुखिया की यह उदासीनता पर भारी पड़ रही है। बाढ़ का पानी उतरने के बाद प्रभावित गांवों में महामारी से बचाव के लिए प्रशासन ने ब्लि¨चग पाउडर तथा डीडीटी का छिड़काव करने की पहल की थी। ब्लि¨चग पाउडर तथा डीडीटी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भेज भी दी गई। छिड़काव अपने अपने पंचायत में मुखिया को करना था। लेकिन बाढ़ आने के डेढ़ महीने से अधिक समय बीतने के बाद भी अभी तक अधिकांश पंचायतों के मुखिया ने अपने अपने पंचायत के गांवों में ब्लि¨चग पाउडर तथा डीडीटी का छिड़काव नहीं कराया। छिड़काव नहीं होने से बाढ़ प्रभावित गांवों में मच्छर तथा कीट पतंगों को प्रकोप बढ़ गया है। रात तो रात दिन में भी बाढ़ प्रभावित गांवों के ग्रामीणों को मच्छत तथा कीट चैन से बैठने नहीं दे रहे हैं। मच्छर तथा कीटों का प्रकोप बढ़ने से बाढ़ प्रभावित गांवों में मच्छर तथा कीट जनित बीमारियां फैलने की आशंका बढ़ती जा रही है। लेकिन इसके बाद भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारा बार बार सूचना देने के बाद भी मुखिया छिड़काव कराने के लिए ब्लि¨चग पाउडर तथा डीडीटी नहीं ले जा रहे हैं।

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सारण तटबंध टूटने के बाद जिले में आई विनाशकारी बाढ़ से सिधवलिया प्रखंड भी व्यापक पैमाने पर प्रभावित हुआ था। इस प्रखंड के अधिकांश पंचातय बाढ़ की चपेट में आ गए थे। बाढ़ का पानी उतरने के बाद बाढ़ प्रभावित गांवों में महामारी फैलने की आशंका उत्पन्न हो गई थी। तब प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित गांवों ब्लि¨चग पाउडर तथा डीडीटी का छिड़काव करने का निर्णय लिया था। छिड़काव बाढ़ प्रभावित पंचायतों के मुखिया को कराना था। इसके लिए पंचायतों के मुखिया को उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ¨ब्ल¨चग पाउडर तथा डीडीटी भेज दिया। लेकिन तब से ब्लि¨चग पाउडर तथा डीडीटी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ही पड़ा हुआ। अधिकांश मुखिया अपने अपने पंचायत में छिड़काव कराने के लिए ब्लि¨चग पाउडर तथा डीडीटी ले जाने से कन्नी काट रहे हैं। बाढ़ प्रभावित गांव के ग्रामीण संजय ¨सह, जितेंद्र शर्मा, नंदू ¨सह, रिजवान आदी बताते हैं कि ब्लिचंग पाउडर तथा डीडीट का छिड़काव नहीं कराने से मच्छर तथा कीट पतंगों को प्रकोप बढ़ जाने से दिन का चैन तथा रात की नींद हराम हो गई है। मच्छरों का प्रकोप बढ़ने से इस उमस भरी गर्मी में बीमारियों का प्रकोप बढ़ने लगा है। इसके बाद भी ब्लि¨चग पाउडर तथा डीडीटी का छिड़काव नहीं कराया जा रहा है। वहीं इस संबंध में पूछे जाने पर प्रभारी सह चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. पीएन राम ने बताया कि छिड़काव की जिम्मेदारी प्रत्येक पंचायत के मुखिया को दी गई है। लेकिन अभी तक उनके द्वारा छिड़काव नहीं कराया गया है। पंचायतों के मुखिया से फिर आग्रह किया जाएगा कि वे ब्लि¨चग पाउडर तथा डीडीटी ले जाकर अपने अपने पंचायत में अविलंब छिड़काव कराएं।


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