मुख्यमंत्री स्वयं सहायता भत्ता योजना में जालसाजी, प्राथमिकी दर्ज
मुख्यमंत्री निश्चय एवं स्वयं सहायता भत्ता योजना में बड़े पैमाने पर जालसाजी का मामला सामने
गोपालगंज : मुख्यमंत्री निश्चय एवं स्वयं सहायता भत्ता योजना में बड़े पैमाने पर जालसाजी का मामला सामने आया है। उप विकास आयुक्त दयानंद मिश्र की लिखित शिकायत के बाद नगर थाने में घटना की प्राथमिकी दर्ज की गई है। जालसाजी करने वाले लोगों ने सहायक प्रबंधक तथा जिला योजना पदाधिकारी के लॉ¨गग का सहारा लिया और सही लाभूकों के खाते के स्थान पत्र 545 लोगों के पैसे को सिर्फ दो बैंक खातों में ट्रांसफर कराने का प्रयास किया गया। कांड दर्ज करने के बाद नगर थाने की पुलिस पूरे मामले की जांच पड़ताल में लग गई है।
जानकारी के अनुसार स्वयं सहायता भत्ता योजना के तहत लाभुकों को उनके खाते में भत्ता मद में राशि दिया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया को जिला योजना पदाधिकारी तथा सहायक प्रबंधक के लॉ¨गग का इस्तेमाल किया जाता है। जिले में इस मद की राशि में बड़ा हेरफेर किए जाने की सूचना मिलने के बाद प्रशासनिक स्तर पर इसकी जांच के लिए तीन अधिकारियों की टीम का गठन किया गया। इस टीम में उप विकास आयुक्त दयानंद मिश्र, एसडीओ सदर वर्षा ¨सह तथा जिला सूचना पदाधिकारी रंजीत कुमार शामिल थे। इस टीम ने पूरे मामले की जांच के बाद अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी। बाद में जिलाधिकारी ने इस संबंध में थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया। सूत्रों की माने तो इस योजना के तहत 545 लोगों को उपलब्ध कराई जाने वाली राशि को सिर्फ दो खाते में स्थानान्तरित किया गया। इस कार्य में लगे लोगों ने सहायक प्रबंधक के लॉ¨गग से पहले लाभुकों के खाते में फेर बदल की तथा बाद में जिला योजना पदाधिकारी के लॉ¨गग से बदले गए खातों को स्वीकृति प्रदान कर दी। जांच टीम ने यह भी पाया कि खाता को बदले जाने के पूर्व किसी भी तरह की निर्धारित प्रक्रिया को नहीं अपनाया गया। क्योंकि खाता बदले जाने के समय कोई भी दस्तावेजी साक्ष्य अपलोड नहीं किया गया। जांच टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट में खाता बदले जाने की पूरी प्रक्रिया की ही है¨कग किए जाने की बात से इन्कार नहीं किया है। लाभुक के खाते में दी जाती है पांच हजार की राशि
गोपालगंज : विभागीय सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री स्वयं सहायता भत्ता योजना मद में एक हजार व पांच हजार रुपये की राशि प्रत्येक खाते में दी जाती है। लाभुक के खाते को बदलने के पीछे सभी राशि चिन्हित किए गए दो खातों में ही स्थानान्तरित किए जाना है। ज्ञातव्य है कि 545 लाभुक में से 142 लोगों के खाता नंबर को एक ही खाता बना दिया गया था। तथा शेष 403 लोगों का खाता नंबर एक कर दिया गया था।