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CoronaVirus; किशोर के दिल का एक्सरे रिपोर्ट देख डॉक्टरों की फटी रह गई आंखें, बतायी ये बात

गोपालगंज के सरकारी अस्पताल में सर्दी-खांसी होने के बाद जांच कराने पहुंचे एक किशोर के दिल का एक्सरे रिपोर्ट देखकर डॉक्टरों की आंखें फटी रह गईं। डॉक्टरों ने बतायी एेसी बात..

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 18 Mar 2020 03:14 PM (IST)Updated: Wed, 18 Mar 2020 05:36 PM (IST)
CoronaVirus; किशोर के दिल का एक्सरे रिपोर्ट देख डॉक्टरों की फटी रह गई आंखें, बतायी ये बात
CoronaVirus; किशोर के दिल का एक्सरे रिपोर्ट देख डॉक्टरों की फटी रह गई आंखें, बतायी ये बात

गोपालगंज, जेएनएन। कोरोना को लेकर दुनिया भर में अब लोग सतर्क हो गए हैं। खांसी- जुकाम, सर्दी व बुखार होने पर सुदूर ग्रामीण तबके के लोग भी पहले की तरह खुद से अपना इलाज करने की बजाय इलाज कराने अस्पताल जाने लगे हैं। लेकिन सोमवार को गोपालगंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैकुंठपुर में खांसी, जुकाम से पीडि़त एक एेसा मरीज पहुंचा जिसकी एक्सरे रिपोर्ट देखकर डॉक्टर हैरान रह गए। उन्हें अपनी आंखों पर विश्वास ही नहीं हो रहा था। 

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गोपालगंज के अस्पताल में चिकित्सक एक-एक मरीज की जांच कर लक्षण के आधार पर कुछ मरीजों का एक्सरे भी करावा रहे थे। इस दौरान खांसी- जुकाम से पीडि़त एक किशोर का एक्सरे रिपोर्ट देख डॉक्टरों की आंखें फटी रह गईं और कुछ देर तक तो वो बिल्कुल ही हैरान रह  गए। इस किशोर का दिल सीने के दाहिने तरफ था। आमतौर पर मनुष्य का दिल सीने के बाएं साइड में होता है।

किशोर का एक्सरे रिपोर्ट देखने के बाद चिकित्सक शशिशेखर सिंह ने इस किशोर का टेक्नीशियन से फिर एक्सरे करने को कहा और रिपोर्ट देखकर फिर हैरान हो गए। इस बार भी एक्सरे रिपोर्ट में पाया गया कि किशोर का दिल सीने के बाएं तरफ होने के बजाय सीने के दाएं तरफ है।

डॉक्टर शशिशेखर सिंह ने बताया कि इसे चिकित्सीय भाषा में डेक्सट्रोकार्डिया कहा जाता है। किशोर प्रखंड क्षेत्र के मुंजा मटियारी गांव निवासी प्रमोद सिंह का पुत्र 14 वर्षीय सूरज कुमार बताया जाता है। यह खांसी जुकाम होने पर इलाज कराने समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैकुंठपुर पहुंचा था।

वहीं इस संबंध में पूछे जाने पर चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर आफताब आलम ने बताया कि डेक्सट्रोकार्डिया एक जन्मजात स्थिति है। जो जन्म के समय से ही ऐसा मौजूद रहता है। इसमें हृदय सीने के बाएं तरफ होने के बजाय सीने के दाएं तरफ स्थित रहता है। लगभग दस से बारह हजार बच्चों में से एक बच्चे दिल की सीने के दाएं साइड में मिलता है।

उन्होंने बताया कि इससे कोई खतरा नहीं होता और डेक्सट्रोकार्डिया वाले ऐसे बच्चे भी सामान्य बच्चों की तरह ही जीवन जीते हैं। कुछ समस्या होने पर इनका इलाज किया जाता है। 


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