11 को अस्ताचल व 12 को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य
चैत्र नवरात्र के बीच लोग अब चैती छठ पूजा की तैयारियों में जुट गए हैं। चार दिन तक चलने वाले छठ पूजा की शुरुआत मंगलवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गई।
गोपालगंज : चैत्र नवरात्र के बीच लोग अब चैती छठ पूजा की तैयारियों में जुट गए हैं। चार दिन तक चलने वाले छठ पूजा की शुरुआत मंगलवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गई। 10 अप्रैल को खरना से पर्व का सिलसिला आगे बढ़ेगा। 11 अप्रैल को उपवास के बाद श्रद्धालु महिलाएं व पुरुष अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगे और 12 अप्रैल को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर उपवास का पारण करेंगे।
मान्यताओं के अनुसार चैती छठ के नहाय-खाय के दिन महिलाएं नदी, तालाब या घर में पूरी पवित्रता के साथ नाखून काटकर स्नान करती हैं। उसके बाद कद्दू व भात बनाकर सपरिवार ग्रहण करती हैं। पर्व के दूसरे दिन बुधवार को महिलाएं पूरे दिन व्रत रखेंगी। शाम के समय महिलाएं चौके में नया चूल्हा रखकर उसी पर रोटी व रसियाव बनाएंगी। व्रती महिलाएं खुद उसे ग्रहण करेंगी। बुधवार को ही छोटी रोटी (ओठगन) बनाया जाएगा। जिसे छठ के अंतिम दिन खाकर व्रती महिलाएं अपना उपवास तोड़ेंगी। गुरुवार यानि 11 अप्रैल को पूरे दिन निर्जला व्रत धारण करने के बाद शाम को छठ घाट पर पहुंचेंगी। जहां छठी मइया की पूजा-अर्चना के बाद पानी में खड़ा रहकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगी। रात्रि समय कोसी पूजन का विधान किया जाएगा। शुक्रवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिनों तक चलने वाले व्रत का समापन हो जाएगा। पंडित किशोर उपाध्याय ने बताया कि नहाय-खाय से शुरू होने वाले इस पर्व का समापन शुक्रवार की सुबह होगा।