जब पानी ही अशुद्ध तो हाथ धोने का क्या फायदा, गया शहर की 20 हजार आबादी पी रही गंदा पानी
गया शहर में गर्मी के दिनों में पानी के लिए हाहाकार मच जाता है। इसी में कुछ मोहल्ले में गंदे पानी की आपूर्ति हो रही है। लोगों का कहना है कि एक ओर कोरोना महामारी है तो दूसरी ओर इस गंदे पानी से पेट की बीमारियां हो रही हैं।
गया, जागरण संवाददाता। गर्मी की शुरुआत होते ही गया शहर में पानी की किल्लत हो जाती है। सबसे अधिक समस्या शहर के दक्षिणी एवं पश्िचमी क्षेत्र में रहती है। जहां पानी के लिए हाहाकार मचा रहता है। वार्ड संख्या 45 में करीब 20 हजार आबादी प्रदूषित पानी पीने को मजबूर है। क्योंकि पाइप लाइन से एक महीने से गंदा पानी आ रहा है। लेकिन कोई देखने वाला तक नहीं है। लगता है कि जानबूझकर नगर निगम और बुडको इस ओर से आंखें मूंदे हुए है।
छह साल पहले पाइप लाइन का हुआ था विस्तार
प्रदूषित पानी वार्ड के लखनपुरा ब्रह्म सत्य एवं छटु विगहा के लोग पी रहे हैं। क्योंकि पाइप लाइन से प्रदूषित पानी आ रहा है। वार्ड पार्षद स्वीटी कुमारी ने बताया कि छह साल पहले उक्त मोहल्ले में पाइप लाइन का विस्तार किया गया था। लेकिन काफी कम समय में ही पाइप जर्जर हो गया। जगह-जगह पाइप क्षतिग्रस्त हो गई है। मोहल्ले में दंडीबाग जलापूर्ति केंद्र से पानी की आपूर्ति की जाती है।
पानी से निकलता है बदबू
पाइप लाइन से आने वाला पानी से बदबू निकलता है। क्योंकि जलापूर्ति केंद्र से वार्ड तक आने में कई स्थानों पर पाइप लीकेज है। जिससे पाइप में नाली का पानी प्रवेश कर जा रहा है। मोहल्ला निवासी अजय कुमार, राधेश्याम प्रसाद आदि का कहना है कि पानी पीने लायक तो रहता ही नहीं। पानी गंदा रहता है।
कैसे बचे रहेंगे कोरोना महामारी से
कहा जाता है कि कोरोना से बचने के लिए समय-समय पर हाथ को साफ पानी और साबुन से धोते रहें। लेकिन यहां के लोग क्या करें। जहां पानी ही अशुद्ध है, वहां कैसे कोरोना से बचा जा सकता है। लोगों का कहना है कि एक तो गंदे पानी के कारण पेट की कई गंभीर बीमारियां होती हैं। ऊपर से इस कोरोना ने नाक में दम कर रखा है। लेकिन हमारी सुनता ही कौन है।