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धनगाई के मतदाता 35 साल बाद अपने गांव में ही करेंगे मतदान

धनगाई में 35 साल बाद यहां के मतदाता पहली बार अपने गांव के मतदान केंद्र पर मतदान करेंगे। 1984 के बाद मतदान केंद्र होने के बाद भी यहां मतदान नहीं हुआ। यहां के मतदाता कभी हाहेसाडी तो कभी पंडरिया तो कभी रेवादा या हिरूआ पहाड़ी पर जाते थे। वहीं शामियाना लगाकर मतदान केंद्र बनाया जाता था। चूंकि यह नक्सल प्रभावित क्षेत्र में शामिल था इसलिए सुरक्षा के दृष्टिकोण से ऐसा किया जाता था। लेकिन इस बार मतदाता अपने ही गांव में मतदान करेंगे। खास तौर से पहली बार मतदान करने रही युवा पीढ़ी के लिए यह विशेष अवसर होगा जब गांव के ही केंद्र पर वोट देने जाएंगे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Mar 2019 11:31 AM (IST)Updated: Sat, 16 Mar 2019 11:31 AM (IST)
धनगाई के मतदाता 35 साल बाद अपने गांव में ही करेंगे मतदान
धनगाई के मतदाता 35 साल बाद अपने गांव में ही करेंगे मतदान

गया । धनगाई में 35 साल बाद यहां के मतदाता पहली बार अपने गांव के मतदान केंद्र पर मतदान करेंगे। 1984 के बाद मतदान केंद्र होने के बाद भी यहां मतदान नहीं हुआ।

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यहां के मतदाता कभी हाहेसाडी तो कभी पंडरिया तो कभी रेवादा या हिरूआ पहाड़ी पर जाते थे। वहीं शामियाना लगाकर मतदान केंद्र बनाया जाता था। चूंकि यह नक्सल प्रभावित क्षेत्र में शामिल था, इसलिए सुरक्षा के दृष्टिकोण से ऐसा किया जाता था। लेकिन इस बार मतदाता अपने ही गांव में मतदान करेंगे। खास तौर से पहली बार मतदान करने रही युवा पीढ़ी के लिए यह विशेष अवसर होगा, जब गांव के ही केंद्र पर वोट देने जाएंगे। प्रखंड निर्वाचन पदाधिकारी ने यहीं मतदान कराए जाने को लेकर जिला निर्वाचन पदाधिकारी को रिपोर्ट भेज दी है।

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क्यों जाना पड़ता था दूसरी जगहों पर

प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी द्वारा धनगाई समेत अन्य मतदान केंद्रों पर वोट बहिष्कार का फरमान जारी किया जाता रहा है। मतदाताओं को कोई परेशानी नहीं हो, इसलिए सुरक्षा के दृष्टिकोण से इस गाव के साथ-साथ लाटकुटा, पोखरिया तथा धनगाई केंद्र को हाहेसाडी पर एक ही जगह बनाया जाता था। दूरी होने के कारण मतदाता वोट के लिए नहीं जा पाते थे।

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1984 के बाद गांव में नहीं किया मतदान

धनगाई गाव के रामदास साव कहते हैं कि 1984 के चुनाव में गांव में ही वोट दिया था। उसके बाद से आज तक हाहेसाडी स्कूल, लाटकुटा, हिरूआ पहाड़ के निकट या रेवदा गाव जाकर वोट डालते रहे हैं। इन केंद्रों की दूरी गांव से चार से सात किलोमीटर तक है। इससे खुश हैं कि प्रशासन ने इस बार गांव में ही मतदान कराने की व्यवस्था की है। गांव के युवा पंकज कुमार, राकेश कुमार, रामदास प्रसाद कहते हैं कि गांव में केंद्र नहीं होने के कारण बहुत कम लोग वोट देने जाते थे। अब एक-एक वोट पड़ जाएगा, क्योंकि केंद्र गांव में ही हो गया है।

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जहा मतदान केंद्र है, वहां हर हाल में मतदान होगा। इसके लिए जिलाधिकारी को सूची भेजी गई है। धनगाई गाव के लोगों को अब दूसरे गांवों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। धनगाई थानाध्यक्ष को आवश्यक दिशा निर्देश उपलब्ध कराया गया है। निष्पक्ष और भयमुक्त चुनाव के लिए प्रखंड प्रशासन व बाराचट्टी और धनगाई थानाध्यक्ष संयुक्त रूप से तैयारी कर रहे हैं।

पंकज कुमार

प्रखंड विकास पदाधिकारी, बाराचट्टी


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