महाबोधि सोसाइटी में आज होगा त्रिपिटक सप्ताह का शुभारंभ
वर्ष 2007 में श्रीलंका में घोषित त्रिपिटक सप्ताह की इस वर्ष से बोधगया में शुरूआत की है।
गया। वर्ष 2007 में श्रीलंका में घोषित त्रिपिटक सप्ताह की इस वर्ष से बोधगया में शुरूआत की जाएगी।
इस कार्यक्रम के तहत महाबोधि सोसाइटी ऑफ इंडिया की बोधगया शाखा में बौद्ध अनुष्ठान व त्रिपिटक ग्रंथ के सूत्तों का अभ्यास किया जाएगा। यह जानकारी सोसाइटी के भिक्षु भंते राहुल ने दी। उन्होंने कहा कि त्रिपिटक सप्ताह की शुरुआत शनिवार को बोधगया में होगी। इसमें भाग लेने के लिए भारत में पदस्थापित श्रीलंका के उच्चायुक्त ऑस्टिन फर्नाडो, सोसाइटी के महासचिव भंते पी. सिवली थेरो बोधगया आ गए हैं। यहां के कार्यक्रम के बाद अगले दिन रविवार को सारनाथ में कार्यक्रम होगा। इसके बाद सांची और दिल्ली में कार्यक्रम का आयोजन होगा। इसका उद्देश्य भारत के ऋग्वेद की भांति त्रिपिटक को मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड की सूची में दर्ज कराना है। श्रीलंका में पूर्व राष्ट्रपति मैथिपाला सिरिसेना के कार्यकाल में अलुविहारा मंदिर में इसे ओला के पत्तों पर लिखा गया था, जिसे मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड सूची में सूचीबद्ध करने के लिए कैबिनेट की मंजूरी मिली थी। तभी से श्रीलंका सहित अन्य बौद्ध देशों में त्रिपिटक सप्ताह मनाया जाता है। इसके लिए भारत सरकार का भी समर्थन प्राप्त है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को बोधगया पहुंचे श्रीलंकाई उच्चायुक्त ने विश्वदाय धरोहर महाबोधि मंदिर के गर्भगृह में पूजा-अर्चना कर पवित्र बोधिवृक्ष को नमन किया। उन्हें बीटीएमसी की ओर से भंते मनोज ने प्रतीक चिह्न, खादा और कैलेंडर भेंट कर सम्मानित किया गया।