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पचलख गांव में सिंचाई, स्वास्थ्य, शिक्षा व सड़क बदहाल

पेज- फोटो 31 32 33 34 35 36 37 38 39 सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार से ग्रामीण हैं नाराज पईन की सफाई में एक करोड़ से अधिक खर्च हुए सिंचाई सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा किसानों को स्वास्थ्य केंद्र व उच विद्यालय नहीं मध्य विद्यालय का भवन जर्जर ग्रामीणों ने दुर्घटना की आशंका को देखते हुए एमडीएम बंद करा दिया संवाद सूत्र खिजरसराय

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Sep 2019 05:29 PM (IST)Updated: Mon, 30 Sep 2019 05:29 PM (IST)
पचलख गांव में सिंचाई, स्वास्थ्य, शिक्षा व सड़क बदहाल
पचलख गांव में सिंचाई, स्वास्थ्य, शिक्षा व सड़क बदहाल

गया। पैतीस सौ की आबादी वाले गाव पचलख खिजरसराय प्रखंड मुख्यालय से नौ किलोमीटर दूर है। यहां की आधी आबादी रोजगार की तलाश में देश के अन्य राज्यों में पलायन कर चुकी है। गांव में आज भी मूलभूत सुविधाओं से लोगों का दीदार नहीं हुआ है। जो हुआ भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। जीविकोपार्जन का मुख्य साधन खेती है। गाव का रकबा 400 एकड़ है। पचलख पईन फल्गु नदी से निकली है। जिसकी सफाई के नाम पर एक करोड़ चार लाख रुपये खर्च हो गए, पर पईन के दोनों किनारों पर बालू का अंबार लगा है। जिसके कारण पईन फिर भर गया। किसान कृषि कार्य के लिए कनेक्शन ले चुके हैं, पर तार व पोल उपलब्ध नहीं कराया गया है। 11 केवी के तार जर्जर हैं। जो दो फेस में है। 15 घंटे बिजली मिलने की बात ग्रामीण व किसान बताते हैं। जिसके कारण सिंचाई की समस्या है। गाव में 15 सरकारी चापाकल लगे, पर आधा से अधिक खराब होकर बंद पड़ा है। इस गाव में सात निश्चय योजना से नल जल का कोई कार्य नहीं हुआ। वार्ड संख्या 11 में पूर्व से बने नाली पर ही दोबारा नाली बनवा कर राशि की निकासी कर लिए जाने की बात ग्रामीणों ने बताई। नवनिर्मित नाली तीन महीने के अंदर ही टूटने लगा है। मनरेगा योजना से भी गुहिया से महादेव स्थान तक सिंचाई के लिए बना भोकला भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। गाव की लगभग गलियां कच्ची है। जो सड़क बने वे जर्जर हो चले हैं। मुखिया, विधायक और सासद केवल वोट मागने आते हैं। शिक्षा व स्वास्थ्य सेवा बदहाल 1957 में बना मध्य विद्यालय पचलख आज भी खपड़ैल भवन में चल रहा है। जमीन उपलब्ध होने के बावजूद विद्यालय भवन नहीं बना। जिससे लोग नाराज हैं। दो कमरों में कक्षा एक से आठ तक का संचालन किया जाता है। विद्यालय भवन के छत से हमेशा पानी टपकते रहता है। बच्चे व शिक्षक आशंकित रहते हैं। अभिभावकों ने दुर्घटना की आशंका को देखते हुए एमडीएम बनाने पर रोक लगा दी है। कुतलुपुर पंचायत के पचलख गाव व इस पंचायत में हाई स्कूल नहीं है। छात्र दूसरे पंचायत चिरैली में नौवीं और दसवीं की पढ़ाई करने जाते हैं। लड़कियों को आने जाने में भी काफी परेशानी होती है। स्वास्थ्य केंद्र नहीं बनने से लोगों को इलाज के लिए नौ किलोमीटर दूर खिजरसराय जाना पड़ता है। पचलख से जोलहबीघा गाव में जाने वाले मुख्य सड़क पर अतिक्रमण कर लोगों ने मकान बना लिया। जिसके कारण गांव तक एंबुलेंस समेत बड़े वाहनों के आने में परेशानी होती है। अइमा से पचलख जाने वाली मुख्य सड़क जर्जर है। सड़क निर्माण के अनियमितता साफ झलकती है।

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खुले में शौच जाते जोलहबीघा टोला के लोग पचलख गाव का एक टोला जोलहबीघा है। इसमें बसे अनुसूचित जाति के लोग आज भी लोग खुले में शौच को जाते हैं। यहा शौचालय नहीं बन पाया है। अन्य टोले में जिन्होंने शौचालय बना लिए। उन्हें अनुदान राशि नहीं मिली है। गाव में एक सामुदायिक भवन है।

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आबादी 3500

मतदाता 1500

आगनबाड़ी केंद्र 4

मध्य विद्यालय 01

प्राथमिक विद्यालय 01

सामुदायिक भवन 01

मतदान केंद्र 01

स्वास्थ्य केंद्र 0

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'गाव में स्थित प्राचीन मूर्तियो के भंडार हैं। जिसकी खोज के लिए पुरातत्व विभाग को जाच करनी चाहिए। खेती करने और खोदाई के दौरान कई शिवलिंग और बुद्ध की मूर्ति मिले हैं। जो कि काफी कीमती है।

महावीर प्रसाद, ग्रामीण ' दिव्यंगता, विधवा और वृद्घों को पेंशन पहले मिलता था। पेंशन ऑनलाइन होने के कारण अब नहीं मिल रहा है। लाभुकों द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद भी पेंशन की सुविधा नहीं दी जा रही है

गणेश प्रसाद, ग्रामीण 'दो साल पहले गाव के सैकड़ों लोगों ने परेशानी झेलकर राशनकार्ड बनाने के लिए अनुमंडल कार्यालय में आवेदन दिया। आज तक किसी का राशनकार्ड बनकर नहीं आया।

परमेश्वर प्रसाद, ग्रामीण 'पचलख गाव में चार आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है। जिसमें तीन केंद्र भवनहीन है। अधिकारी या जनप्रतिनिधियों का ध्यान नहीं जाता है। विद्यालय भवन नहीं बने रहने के कारण अधिकाश बच्चे शिक्षा ग्रहण नही कर पाते हैं। उच्च विद्यालय का पंचायत में होना जरूरी है।

धमर्ेंद्र कुमार वर्मा, ग्रामीण 'इस वर्ष फल्गु नदी से निकले पईन की सफाई पर एक करोड़ चार लाख रुपये खर्च किए गए। आज पानी आने के साथ ही पईन के दोनों ओर रखा बालू पईन में जमा हो गया है। जिससे कृषि के लिये काफी समस्या उतपन्न हो रही है। इस समस्या को जल्द दूर करने की जरूरत है।

संजय कुमार, ग्रामीण गांव का इतिहास

गाव के बुजुर्ग बताते हैं कि प्राचीन समय में इस गाव में पाच गढ़ हुआ करता था। उसी के नाम पर गाव का नाम पचलख पड़ा है। गाव के कई घरों और खेतों में भगवान बुद्ध और शिवलिंग मिलने से गाव के लोगों में इसके प्रति श्रद्धा बनी हुई है। गाव के दक्षिण दिशा में बने एक गढ़ में आज भी दो विशालकाय शिवलिंग लोगो के लिए दर्शनीय है। यह गाव 2000 वर्ष से भी ज्यादा पुराना है। ग्रामीण कहते हैं कि पुरातत्व विभाग द्वारा खोदाई कर पुरानी सभ्यता को सामने लाने की जरूरत है। प्रस्तुति रंजन कुमार

मोबाइल नंबर 7250734507


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