Ex PM इंदिरा गांधी के चित्र पर पुष्पांजलि कर बांग्लादेश मुक्ति संग्राम की वर्षगांठ पर नवादा में विजय उत्सव
भारत की 1971 की जीत सिर्फ सैनिक लिहाज से बड़ी नहीं बल्कि इंदिरा गांधी ने अपनी कूटनीति से रिचर्ड निक्सन को मात दी थी। उन्होंने रणनीति से सिर्फ 13 दिन में पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए और मानवता दिखाते हुए लाखों शरणार्थी को पनाह भी दी।
जागरण संवाददाता, नवादा। जिला कांग्रेस पार्टी कार्यालय में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम की 50 वीं सालगिरह गुरुवार को विजय उत्सव के रूप में मनायी गयी। अध्यक्षता पार्टी के जिलाध्यक्ष सतीश कुमार उर्फ मंटन सिंह एवं रजनीकांत दीक्षित ने संयुक्त रूप से किया। प्रदेश से पहुंचे कार्यक्रम प्रभारी मृणाल कुमार द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी के चित्र पर पुष्प चढ़ाकर शुरुआत की गई। सबसे पहले जिलाध्यक्ष द्वारा 1971 के युद्ध में शामिल रहे सैनिक गया सिंह एवं नरेश सिंह को बुके व शॉल देकर सम्मानित किया गया।
जिलाध्यक्ष ने कहा कि भारत की 1971 की जीत सिर्फ सैनिक लिहाज से बड़ी नहीं, बल्कि इंदिरा गांधी ने अपनी कूटनीति से रिचर्ड निक्सन को मात दी थी। उन्होंने रणनीति से सिर्फ 13 दिन में पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए और मानवता दिखाते हुए लाखों शरणार्थी को पनाह भी दी। साल 1971 ऐसा रहा जिसका जिक्र भारत हमेशा पाकिस्तान के सामने अपनी चौड़ी छाती ठोंक कर करता है कि यह वह साल था जब हमने तुम्हें झुकने पर मजबूर कर दिया।
वर्ष 1971 में पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी सरकार और सेना अपने देश के लोगों पर बेतहाशा जुल्म कर रही थी। पूर्वी पाकिस्तान के लोग ने अपनी सेना के खिलाफ विद्रोह कर दिया था। कार्यक्रम प्रभारी मृणाल ने कहा कि 25 अप्रैल 1971 को तो इंदिरा गांधी ने थल सेनाध्यक्ष से यहां तक कह दिया कि पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए तैयार रहें। भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा पर चौतरफा दबाव पड़ रहा था। पहला तो यह कि कैसे वह सीमा से सटे भारतीय राज्यों में पैदा हो रहे अशांति को रोक सके। दूसरा यह कि किस तरह पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया जाए। हमारे प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान को कूटनीति तरीके से असहाय बनाया और दूसरी तरफ उस पर सैन्य कार्रवाई के जरिए सबक सिखाया। अपने कुशल नेतृत्व से पाकिस्तान के दो टुकड़े कर बांग्लादेश को अलग कर दुनिया को लोहा मनवाने पर मजबूर कर दिया।
मौके पर प्रदेश नेता राजीव सिन्हा, कार्यकारी अध्यक्ष बंगाली पासवान, रोहित सिन्हा, श्याम सुंदर कुशवाहा अक्षय कुमार उर्फ गोरेलाल, अंजनी कुमार पप्पू, विनोद कुमार पप्पू, विजय कुमार, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष रंजीत कुमार, सेवादल जिलाध्यक्ष अजमत खान, जागेश्वर पासवान, महेश सिंह, रामरतन गिरी, सकलदेव सिंह, मुकेश कुमार, अवनीश कुमार, फकरुद्दीन अली अहमद, मधुसूदन सिंह, अखिलेश सिंह, प्रभाकर सिंह, एजाज अली मुन्ना, नवीन पासवान समेत अन्य लोग मौजूद थे।