रोहतास में सिंचाई अनुसंधान केंद्र में पराली जलाने का वीडियो वायरल, जानिए क्या बोले अधिकारी
वीडियो में सिंचाई अनुसंधान केंद्र कृषि फार्म में पराली जलाने के लिए दो कर्मी पुआल का छिड़काव करते दिख रहे हैं। एक ओर पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए सरकार किसानों को जागरूक कर रही है तथा कानून भी बना है। इसके लिए लाखों खर्च भी हो रहे हैं।
संवाद सहयोगी, बिक्रमगंज: रोहतास। प्रखंड के धनगाई स्थित सिंचाई अनुसंधान केंद्र में पराली जलाने का मामला प्रकाश में आया है। जानकारी के अनुसार वीडियो में सिंचाई अनुसंधान केंद्र कृषि फार्म में पराली जलाने के लिए दो कर्मी पुआल का छिड़काव करते दिख रहे हैं। एक ओर पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए सरकार किसानों को जागरूक कर रही है तथा कानून भी बनाया गया है। इसके लिए लाखों रुपये खर्च भी हो रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर रोहतास के कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक पराली नहीं जलाने, फसल अवशेष से पशुचारा बनाने व स्ट्राबेलर का महत्व बता रहे हैं। इसके लिए पुरस्कृत भी हुए हैं। पराली जलाने वाले किसान पर न सिर्फ प्राथमिकी दर्ज करने बल्कि किसान सम्मान योजना समेत सरकार से मिलने वाली अन्य योजना के लाभ से भी वंचित करने का प्रविधान है, लेकिन यही काम कोई सरकारी महकमे के लोग विशेषकर इस विभाग से जुड़े लोग करें तो चर्चा होना स्वाभाविक है। हालांकि पराली जलाने का दायरा कम है।
इस संबंध में वरीय कृषि वैज्ञानिक आरके जलज ने बताया कि उन्होंने वीडियो देखा है। यह कृषि विज्ञान केंद्र का क्षेत्र नहीं है, इसलिए विशेष जानकारी नहीं है। थोड़ी जगह में आग लगाने के पीछे कोई शोध कार्य से संबंधित भी हो सकता है। वहीं कृषि विज्ञान केंद्र के निदेशक डा. सुहाना ने बताया कि यदि ऐसी घटना पराली जलाने के उद्देश्य से की गई है, तो गलत है। जो अधिकारी इसे देखते हैं, उनसे इस बारे में जानकारी ली जाएगी।