VHP के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष कोकजे पहुंचे बिहार, कहा- अयोध्या में 2024 तक बन जाएगा भव्य मंदिर
विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे ने कहा कि अयोध्या में 2024 तक श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर तैयार हो जाएगा।
गया, जेएनएन। विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे ने कहा कि अयोध्या में 2024 तक श्रीराम जन्मभूमि पर भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर तैयार हो जाएगा। मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार की ओर से गठित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अंतिम फैसला लेगा। उन्होंने कहा, सनातन धर्म के अनुसार विक्रम संवत से नए साल की शुरुआत होगी। इसी शुभ अवसर पर श्रीरामनवमी पर्व से मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा। विहिप अध्यक्ष शनिवार को एक कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्माण कराने के लिए विश्व हिंदू परिषद ने पिछले तीन दशकों तक अनवरत संघर्ष किया है। इसे समाज के साथ-साथ केंद्र सरकार का भी पूरा सहयोग मिला है। उसी संघर्ष का प्रतिफल है कि श्रीराम की जन्मभूमि पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
कोकजे ने कहा, मंदिर निर्माण को लेकर पिछले दिनों ट्रस्ट ने अपनी पहली बैठक में ही सबकुछ तय कर लिया है। मंदिर का नक्शा, कलाकारी, साज-सज्जा सहित हर बिंदु पर विमर्श के बाद मुहर लगा दी है। अब केवल शुरुआत होनी है। उन्होंने सरकार और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को पूरे ङ्क्षहदू समाज के लिए गर्व बताया।
उन्होंने कहा कि देश के कुछ राजनीतिक दल पिछले कुछ दशक तक हिंदू समाज की चिंता नहीं करते थे। उनकी राजनीति तुष्टिकरण पर आधारित थी। हिंदू समाज का अंग रहते हुए भी वह बराबर अपमान करते थे। लेकिन जब उन्हें हिंदुओं की ताकत का अहसास हुआ, तब से मंदिर-मंदिर भ्रमण कर रहे हैं। जनेऊ दिखा खुद के ङ्क्षहदू होने का सुबूत दे रहे हैं। हाल ही में दिल्ली चुनाव में भी यह देखने को मिला कि जो हिंदुओं का नाम लेने से कतराते थे, वे हनुमान चालीसा का पाठ और वंदना कर गद्दी पर विराजमान हो गए।
कोकजे ने कहा, अब हिंदुओं को दरकिनार कर कोई भी सरकार नहीं चल सकती है, फिर भी हिंदू समाज को अपने धर्म की रक्षा के लिए तत्पर रहना होगा। अपने सामथ्र्य के अनुसार समाज की रक्षा के लिए योगदान करना होगा। इससे पहले विहिप अध्यक्ष ने विष्णुपद में पहुंचकर भगवान विष्णु के चरण चिह्न पर तुलसी पत्र अर्पित किया। उसके बाद बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर में भगवान बुद्ध और जगन्नाथ मंदिर में दर्शन-पूजन किया।