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गया में ऋण दिलाने के नाम पर अनुसूचित जाति बस्ती में महिलाओं से 35 हजार की ठगी

बाराचट्टी प्रखंड की दिवनीयां पंचायत अंतर्गत चादों गांव में अनुसूचित जाति बाहुल्य बस्ती से दो युवकों ने ऋण दिलाने के नाम पर महिलाओें से 35 हजार रुपये की ठगी कर ली। 20 महिलाओं ने दोनों ठगों द्वारा दिए गए एसबीआइ के बैंक खाते में रुपये जमा कराए थे।

By Edited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 12:30 AM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 01:21 PM (IST)
गया में ऋण दिलाने के नाम पर अनुसूचित जाति बस्ती में महिलाओं से 35 हजार की ठगी
ठगी की शिकार पीडि़त महिलाएं अब हो रही परेशान। जागरण फोटो।

बाराचट्टी (गया), संवाद सूत्र। प्रखंड की दिवनीयां पंचायत अंतर्गत चादों गांव में अनुसूचित जाति बाहुल्य बस्ती से दो युवकों ने ऋण दिलाने के नाम पर 35 हजार रुपये की ठगी कर ली है। झारखंड के इसफ बैंक की बरही शाखा का अधिकारी होने का हवाला देकर एसबीआइ के खाते में रुपये जमा करा लिया । दोनों ठगों के बहकावे में आकर 20 महिलाओं ने उनके बताए एसबीआइ के बैंक खाते में 1700-1700 रुपये जमा करा दिया। मामला तब सामने आया, जब गांव में पहुंचे युवकों ने पैसा मंगवाने के बाद फोन उठाना बंद कर दिया। दोनों ठगों ने खुद को झारखंड के बरही इसफ बैंक ब्रांच का पदाधिकारी बताया था। उन्‍होंने अपना नाम  चंदन कुमार व सचिन कुमार बताया था। महिलाओं को बिना ब्‍याज लोन दिलाने का प्रलोभन दिया था। जब खाते में ठगों ने 35 हजार रुपये मंगवा लिया उसके बाद अपना फोन बंदकर लिया है। इधर, ठगी की शिकार हुई महिलाएं अब परेशान हैं।

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एक-एक लाख रुपये ऋण दिलाने का दिया प्रलोभन 

चंदन और सचिन ने पहले 24 महिलाओं की कमेटी में फुलमंती देवी व रेखा देवी को मेट बनाया। इन दोनों महिलाओं के माध्यम से 17-17 सौ रुपये जमा करवाए गए। फुलमंती देवी बताती हैं कि बैंक से पहुंचे युवकों ने सभी महिलाओं को एक-एक लाख रुपये का ऋण दिलाने की बात कही थी।

पदाधिकारी बाहर नहीं जाते ऋण देने 

ब्रांच हेड इसफ बैंक, हजारीबाग, झारखंड के अर्जुन कुमार शर्मा ने बताया कि हमारे बैंक की कोई ब्रांच बरही में नहीं है। रांची-हजारीबाग शहर में ब्रांच है। जहां से बैंक के कार्यो का निपटारा होता है। जहां तक ठगी की बात है तो जिस ब्रांच के बैंक खाते में 35 हजार रुपये महिलाओं ने भेजे हैं, उसकी जांच होने पर यह सामने आएगा कि पैसा किसके खाते में गया है। हमारे ब्रांच का कोई भी पदाधिकारी या कर्मी ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर बेवजह ऋण वितरण नहीं करता है।


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