Big Accident: पश्चिम बंगाल से औरंगाबाद जा रही स्कॉर्पियो ने ट्रक में मारी जोरदार टक्कर, दो की मौत
गया में जीटी रोड पर सोमवार की सुबह हुए एक बड़े हादसे में स्कॉर्पियो सवार दो लोगों की मौत हो गई। बाराचट्टी थाना क्षेत्र में ट्रक में स्कॉर्पियो ने टक्कर मार दी। स्कॉर्पियो सवार लोग बंगाल के रानीगंज से औरंगाबाद जा रहे थे।
गया, जागरण संवाददाता। जिले के बाराचट्टी थाना क्षेत्र में जीटी रोड पर सोमवार की सुबह हुए एक हादसे में स्कॉर्पियो सवार दो लोगोंं की मौत हो गई। तीन अन्य जख्मी हो गए। उन्हें एएनएमएमसीएच में भर्ती कराया गया है।मृतक आपस में चाचा-भतीजा हैं। वे बंगाल के रानीगंज से औरंगाबाद जिले के अकौना जा रहे। मृतकों की पहचान सिद्धनाथ सिंह (50) एवं रवि कुमार सिंह (25) के रूप में की गई है। औरंगाबाद के निरजापुर निवासी अरविंद कुमार यादव (40) तथा गया जिले के चंदौती निवासी रमेश यादव (40) एवं रमेश कुमार यादव (34) गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। दुर्घटनाग्रस्त स्कॉर्पियो पर राजद का झंडा और आगे में बोर्ड लगा हुआ है।
हादसे के बाद चालक ट्रक लेकर हुआ फरार
बताया जाता है कि जयगीर मोड़ के पास पहले से खड़े ट्रक में बरही की ओर से आ रहे स्कॉर्पियो ने टक्कर मार दी। घटना की पुष्टि करते हुए पुलिस निरीक्षक राम लखन पंडित ने बताया कि सड़क दुर्घटना की सूचना मिलने पर दल बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। हादसे के बाद ट्रक लेकर चालक वहां से फरार हो गया। सभी को बाराचट्टी सीएचसी ले जाया गया। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सबीबुल हक ने बताया कि सभी घायलों को बाराचटटी सीएचसी में प्राथमिक उपचार कर गया रेफर किया गया। थानाध्यक्ष ने बताया कि सिद्धनाथ सिंह एवं रवि कुमार की मगध मेडिकल लेकर जाने के क्रम में मृत्यु हो गई। जबकि अरविंद रमेश एक एवं रमेश (टू) स्वजनों से मिली
समय पर होता इलाज तो बच जाती चाचा-भतीजे की जान
जानकारी के अनुसार सिद्धनाथ सिंह बंगाल के रानीगंज में अपना बिजनेस करते थे। लॉकडाउन होने की वजह से वे अपने घर औरंगाबाद जिले के अकौना लौट रहे थे। स्वजनों ने आरोप लगाया कि मगध मेडिकल कॉलेज में अपने घायल स्वजनों को इलाज कराने के लिए विभिन्न वार्डों में दौड़ते रह गए परंतु एक नर्स या डॉक्टर ने इलाज नहीं किया अंत में मेडिकल से लेकर हम लोग प्राइवेट हॉस्पिटल की तरफ दौड़े परंतु कहीं भी किसी ने इलाज करने के लिए नहीं कहा नतीजा यह हुआ कि हमारे दो स्वजनों की मौत हो गई। मृतक के स्वजनों ने बताया कि अगर समय से इलाज हुआ होता तो हमारे चाचा एवं भाई की मौत नहीं होती वह बच सकते थे।