यूपी के मिर्जापुर पहुंचा टिड्डी दल, गया समेत चार जिले में अलर्ट
गया। फसलों व पेड़-पौधों के लिए नुकसानदेह साबित हो रहा टिड्डियों का दल उत्तर प्रदेश के ि
गया। फसलों व पेड़-पौधों के लिए नुकसानदेह साबित हो रहा टिड्डियों का दल उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले तक पहुंच गया है। इससे बचाव को लेकर कृषि विभाग ने गया समेत औरंगाबाद, रोहतास, कैमूर के जिला कृषि पदाधिकारियों के साथ किसानों को अलर्ट रहने को कहा है। गुरुवार को कृषि विभाग के निदेशक आदेश तीतरमारे ने पटना से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इन जिले के विभागीय अधिकारियों को अलर्ट किया। मगध प्रमंडल के संयुक्त निदेशक शष्य आभाशु सी जैन के साथ कांफ्रेंसिंग कर इन जिलों में टिड्डियों के संभावित प्रकोप से बचने के लिए की गई तैयारियों की जानकारी ली। उन्होंने कहा, टिड्डियों के आगे बढ़ने की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। सभी बीएओ, कृषि समन्वयक, किसान सलाहकार अपने प्रखंडों व पंचायतों में सुबह नौ बजे से शाम सात बजे तक रहेंगे। वे प्रतिदिन संध्या छह से सात बजे तक भ्रमण करके टिड्डियों की गतिविधियों पर नजर रखें। किसानों को भी जागरूक करने को कहा है। फायर बिग्रेड के टैंकर से होगा दवा का छिड़काव :
फायर ब्रिगेड के बडे़ व छोटे वाहनों को प्रत्येक प्रखंड में ट्रैक्टर व अन्य माध्यम से कीटनाशक स्प्रे करने के लिए तैयार रहने को कहा है। टिड्डियों को नियंत्रित करने के लिए छिड़काव किए जाने वाले रसायनों की आवश्यकता का आकलन कर उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करा लें। ढोल, नगाड़ा, टिन के डिब्बों को पीटकर टिड्डियों का रास्ता बदलें :
-पौधा संरक्षण वैज्ञानिक डॉ. प्रमोद ने बताया कि टिड्डियों कादल दिन के समय सूरज की चमकीली रोशनी में तेज उड़ाका झुंडों के रूप में उड़ते रहते हैं। रात में पेड़ों व फसलों पर बैठते हैं। रसायनिक दवाओं का छिड़काव करके नियंत्रित किया जा सकता है। दिन के समय टिड्डियों के दिखाई पड़ने पर इकट्ठा होकर ढोल, नगाड़ों, टिन के डिब्बों, थालियों आदि को बजाते हुए शोर मचाने से टिड्डियां अपना मार्ग परिवर्तित कर देती हैं। रासायनिक छिड़काव का सर्वोत्तम समय रात्रि 11 बजे से सुबह सूर्योदय तक होता है।