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शिकायत के बाद भी जलापूर्ति शुरू कराने की नहीं हो रही पहल, कैमर के गांव में पेयजल के लिए हाहाकार

पंचायत चुनाव के प्रचार में आने जाने वाले प्रतिनिधि रहे लोगों से जनता सवाल भी कर रही है। लेकिन वे चुनाव बाद समस्या दूर करने का भरोसा दिला रहे हैं। इस समय हर घरों में पानी की आवश्यकता है। बावजूद विभाग इस दिशा में सकारात्मक रुचि नहीं ले रहा है।

By Prashant KumarEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 04:52 PM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 04:52 PM (IST)
शिकायत के बाद भी जलापूर्ति शुरू कराने की नहीं हो रही पहल, कैमर के गांव में पेयजल के लिए हाहाकार
पेयजल संकट से जूझ रहे रामगढ़ के गांव। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

संवाद सूत्र, रामगढ़ (भभुआ)। सात निश्चय योजना के तहत गांवों में लगाई गई जलापूर्ति योजना पूरी तरह से फ्लाप होती दिख रही है। इस योजना के क्रियान्वयन में मुखिया व वार्ड क्रियान्वयन समिति के खींचातानी में कुछ दिनों तक जलापूर्ति योजना पर ग्रहण लगा था। छंटने के बाद भी यह महत्वपूर्ण योजना धरातल पर एक तरह से दम ही तोड़ रही है। सबसे खराब हालत प्रखंड मुख्यालय के बंदीपुर पंचायत की है। इस गांव में पांच नंबर वार्ड में लगी जलापूर्ति योजना लगने के बाद से ही ठप है। जिसके चलते मोहल्ले के लोगों को स्वच्छ पानी पीने को नसीब नहीं हो पा रहा है। यह तब स्थिति उत्पन्न हो गई है, जब लोगों को पानी की दरकार है। पूरी गर्मी बीत गई पानी के इंतजार में फिर भी पानी नहीं नसीब हो सका।

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पंचायत चुनाव के प्रचार में आने जाने वाले प्रतिनिधि रहे लोगों से जनता सवाल भी कर रही है। लेकिन, वे चुनाव बाद समस्या दूर करने का भरोसा दिला रहे हैं। इस समय हर घरों में पानी की आवश्यकता है। बावजूद विभाग इस दिशा में सकारात्मक रुचि नहीं ले रहा है। इसके पहले इस पंचायत के बंदीपुर गांव में भी दो वार्ड में पानी सप्लाई महीनों से ठप है। यहां बिजली की बिल नहीं जमा होने से प्रीपेड मीटर का कनेक्शन कट गया है। जबकि अकोढ़ी में कुछ असामाजिक लोगों के द्वारा पांच नंबर वार्ड में लगी जलापूर्ति टंकी से पानी सप्लाई नहीं होने दिया जा रहा है। गांव के विशेश्वर पांडेय, शिक्षक कमलेश शर्मा आदि ने बताया कि हमलोगों के यहां हैंडपंप का पानी काफी दूषित है। सबमर्सिबल से लोगों का हलक तर होता था। लेकिन, पानी की गुणवत्ता सही नहीं थी।

सात निश्चय योजना के तहत हर घर शुद्ध व स्वच्छ पानी सप्लाई के लिए 22 लाख रुपये की लागत से जलापूर्ति योजना का कार्य किया गया। लेकिन कार्य संपन्न हुए एक वर्ष से अधिक समय बीत गया। लेकिन इस जलापूर्ति से पानी आपूर्ति शुरू नहीं हो सकी। जिसके चलते पीने के पानी को ले कर हाहाकार मचना शुरू हो गया है। इसकी जानकारी ग्रामीणों द्वारा बीडीओ को कई बार दी गई है। लेकिन इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं होने के कारण अभी तक नल-जल योजना से पानी सप्लाई नहीं हो पा रही है।


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