Move to Jagran APP

डेंगू की रोकथाम के लिए जिला में है जांच की व्यवस्था, डेंगू का मामला जिले में एक भी नहीं, जानिए क्या हैं लक्षण

डेंगू से बचने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल अवश्य करें। गर्भवती महिलाएं तथा बच्चे पूरी बांह वाले कपड़े पहनें। यह मच्छर सूरज निकलने के दो घंटा बाद और सूरज डूबने के दो घंटा पहले सक्रिय होकर सबसे अधिक काटता है।

By Jagran NewsEdited By: Prashant Kumar pandeyPublished: Fri, 07 Oct 2022 08:17 AM (IST)Updated: Fri, 07 Oct 2022 08:17 AM (IST)
डेंगू की रोकथाम के लिए जिला में है जांच की व्यवस्था, डेंगू का मामला जिले में एक भी नहीं, जानिए क्या हैं लक्षण
डेंगू की पहचान व बचाव के लिए पानी इकट्ठा न होने दें , सांकेतिक तस्वीर

 जागरण संवाददाता,गया : जिला में डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। इनमें एक महत्वपूर्ण फागिंग है। विभाग की ओर से सामुदायिक तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों सहित जेपीएन व मगध मेडिकल अस्पताल में आवश्यक जांच की भी व्यवस्था कराई गई है। स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में तथा नगर निगम की ओर से शहरी क्षेत्रों में फागिंग करवाया जा रहा है। डेंगू के अभी तक कोई मामले नहीं मिले हैं। अस्पतालों में सभी आवश्यक सुविधाएं मौजूद कराई गई है।

loksabha election banner

गर्भवती महिलाएं व बच्चे पूरी बांह वाले पहनें कपड़े :

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा. एमई हक ने बताया जिला में डेंगू का मामला नहीं आया है। साथ ही सलाह दी है कि लोग स्वयं भी एहतियात बरतें। सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल अवश्य करें। गर्भवती महिलाएं तथा बच्चे पूरी बांह वाले कपड़े पहनें। मच्छरों को दूर रखने वाले क्रीम का इस्तेमाल किया जा सकता है। डेंगू एडिज मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर सूरज निकलने के दो घंटा बाद और सूरज डूबने के दो घंटा पहले सक्रिय होकर सबसे अधिक काटता है। उन्होंने बताया कि निजी अस्पतालों एवं जांच घरों में डेंगू की जांच रैपिड डायग्नोस्टिक किट से होती है। 

एनएस-01 पाजिटिव देखने पर व्यक्ति डेंगू मरीज घोषित 

जांच में एनएस-01 पाजिटिव देखने पर व्यक्ति को डेंगू मरीज घोषित कर दिया जाता है।हालांकि रैपिड डायग्नोस्टिक किट से जांच कर डेंगू के संदिग्ध रोगी चिन्हित किए जा सकते है। लेकिन यह जांच डेंगू होने की पूरी तौर पर पुष्टि नहीं करता है और ऐसे में लोगों के बीच डेंगू होने का अनावश्यक भय हो जाता है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों द्वारा डेंगू संदिग्ध को मगध मेडिकल कॉलेज में एलिजा टेस्ट कराने का सुझाव देना है। एलिसा टेस्ट की सुविधा मगध मेडिकल कालेज सह अस्पताल में है। जबकि सदर अस्पताल में एनएस-01 से जांच की सुविधा है। 

डेंगू बीमारी का लक्षण:

डेंगू के लक्षणों के बारे में बताया कि सात दिन के अंदर बीमारी के लक्षण स्पष्ट होने लगते हैं। दर्द उल्टी बुखार आंखों के पीछे दर्द होना, इसके विशेष लक्षण हैं। दर्द से बुखार आ जाता है। जिसे हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं। एक व्यक्ति के बुखार से संक्रमित होने पर इसका खतरा अन्य लोगो को भी होता है.। बताया कि जमा हुआ पानी में मच्छर का लार्वा पनपता है। इस लिए घर में कूलर, गमला में पानी नही जमा होने दें। 

बचाव के लिए मच्छरदानी, मच्छर भगाने वाली दवाएं तथा फुल बाहं वाले कपड़े पहनें। बताया कि डेंगू होने पर प्लेटलेट 20 हजार से कम हो तभी चिंतित होने की आवश्यकता है। डेंगू में खतरनाक स्थिति तब होती है जब बुखार कम होता है। अमूमन दूसरे सप्ताह में लक्षण खतरनाक हो जाता है। पेट में दर्द,उल्टी और पेशाब कम होता है और शरीर पर चक्ता हो जाता है। ऐसे में हास्पिटल मे भर्ती होना जरूरी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.