Move to Jagran APP

इमामगंज प्रखंग के लोग वर्षों से मांग रहे थे एंबुलेंस, सिस्टम से टूटी आस तो चंदा कर खुद खरीदा

कोरोना संक्रमण के दूसरे लहर के दौरान लोग एंबुलेंस के लिए परेशान थे। मरीजों को सीएचसी या गया मेडिकल कालेज लेकर जाने में काफी दिक्कत हुई। इस दिक्कत ने यहां के युवाओं को ऐसा झकझोरा कि सभी चंदा कर एक एंबुलेंस खरीद डाला।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 08:55 AM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 08:55 AM (IST)
इमामगंज प्रखंग के लोग वर्षों से मांग रहे थे एंबुलेंस, सिस्टम से टूटी आस तो चंदा कर खुद खरीदा
एंबुलेंस संचालन के लिए युवााओं ने बनाई कमेटी, सांकेतिक तस्‍वीर।

इमामगंज (गया), संवाद सूत्र।  प्रखंड के कोठी  में एंबुलेंस नहीं थी। लोगों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों से वर्षों तक गुहार लगाया। लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। कोरोना संक्रमण के दूसरे लहर के दौरान

loksabha election banner

लोग एंबुलेंस, आक्सीजन और अस्पताल में एक बेड के लिए चारों ओर दौड़ लगा रहे थे। इससे कोठी बाजार के लोग भी अछूता नहीं थे। यहां के लोगों ने भी काफी परेशानी उठाई। मरीजों को सीएचसी या गया मेडिकल कालेज लेकर जाने में काफी दिक्कत हुई। इस दिक्कत ने यहां के युवाओं को ऐसा झकझोरा कि सभी चंदा कर एक एंबुलेंस खरीदने की ठान ली। युवाओं ने अपने-अपने स्वजनों से बात की, सबके स्वजनों ने अपनी हामी भर दी। फिर क्या था, किसी ने पांच सौ तो किसी ने एक हजार और किसी ने दो हजार तक चंदा दिए। एंबुलेंस खरीदा गया और उसे झंडी दिखाकर आमलोगों के हवाले कर दिया। अब यहां के लोगों के चेहरे पर खुशी है। युवाओं का इंटरनेट मीडिया पर भी इस नेक पहल के लिए खूब चर्चा हो रही है।

ग्रामीण चिकित्सक संतोष, नासिर खां, डा आरिफ, डा मुजीब रहमान, साजिद खां, सैयद अब्दुल रहमान, मौलाना बुलंदशाह जफरुल्ला, दवा दुकानदार भीम प्रसाद व जफर खां आदि ने एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाकर आमलोगों के हवाले किया है। कोठी अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक चिकित्सक की पोस्टिंग भी की गई है। यहां कोई एमबीबीएस चिकित्सक की तैनाती नहीं थी।

एंबुलेंस की देखरेख व संचालन के लिए बनी है कमेटी

स्थानीय हकीकू रहमान, सैयद अब्दुल रहमान आदि ने बताया कि युवाओं के द्वारा एंबुलेंस की देखरेख व संचालन के लिए एक कमेटी बनाई गई है। आमलोगों को एंबुलेंस सुलभ दर पर मुहैया कराया जाएगा। मरीज आर्थिक रूप से लाचार है, मामूली शुल्क भी देने लायक नहीं है, तो उसका खर्च कमेटी द्वारा उठाया जाएगा। एंबुलेंस चलाने के लिए भी लोग चंदा देने के लिए तैयार हैं। वे बताते हैं कि एंबुलेंस गरीबों व लाचार लोगों के सहायता के लिए खरीदी गई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.