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सरकार ने एक साल पहले अधिग्रहित कर ली जमीन, किसान ने मांगा मुआवजा तो एसडीओ के बॉडीगार्ड ने पीट डाला

अभी किसानों के मुद्दे पर पूरे देश में उबाल मचा है। बड़े-बड़े नेता और अधिकारी किसानों के मान-मनोव्‍वल में जुटे हैं। वहीं दूसरी तरह नवादा से किसान की पिटाई की मामला सामने आ रहा है। अनुमंडल पदाधिकारी के बॉडीगार्ड ने किसान रौशन कुमार की जमकर पिटाई कर दी।

By Prashant KumarEdited By: Published: Thu, 31 Dec 2020 04:00 PM (IST)Updated: Thu, 31 Dec 2020 04:06 PM (IST)
सरकार ने एक साल पहले अधिग्रहित कर ली जमीन, किसान ने मांगा मुआवजा तो एसडीओ के बॉडीगार्ड ने पीट डाला
पिटाई के बाद घटनास्‍थल पर मौजूद रौशन। जागरण।

जागरण टीम, नवादा। अभी किसानों के मुद्दे पर पूरे देश में उबाल मचा है। बड़े-बड़े नेता और अधिकारी किसानों के मान-मनोव्‍वल में जुटे हैं। वहीं दूसरी तरह नवादा से किसान की पिटाई का मामला सामने आ रहा है। अपना वाजिब हक मांगने पर अनुमंडल पदाधिकारी के बॉडीगार्ड ने किसान रौशन कुमार की जमकर पिटाई कर दी। मामला मुआवजे से जुड़ा है।

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दरअसल, नारदीगंज प्रखंड में शादिकपुर निवासी किसान रौशन कुमार की खेती उपयुक्‍त 32 डिसमिल जमीन है। भूखंड एनएच 82 के किनारे है, जिसे एक वर्ष पूर्व जरूरत पड़ने पर सरकार ने अधिग्रहित कर लिया था। जमीन के कागजात अंचलाधिकारी के पास जमा है। उसी जमीन पर खेती कर रौशन परिवार का पेट पालते हैं। अंचलाधिकारी ने मुआवजे की राशि जल्‍द मिलने का वादा किया था। राशि मिली नहीं, लेकिन रौशन उसपर खेती कर रहे थे।

बात गुरुवार की है। उस जमीन पर सरकार मिट्टी गिराने लगी। मिट्टी भराई का काम देखने के लिए अनुमंडल पदाधिकारी यानी एसडीओ पहुंचे थे। रौशन को इसकी खबर मिली तो वे भी वहां पहुंच गए। उन्‍होंने एसडीओ से कहा कि साहब, एक साल हो गए। अब तक मुआवजे की राशि नहीं मिली। अब मिट्टी भरे जाने से खेती भी खत्‍म हो जाएगी। ऐसे में परिवार का पेट पालना मुश्किल हो जाएगा।

साहब से फरियाद करना बॉडीगार्ड को बुरा लगा। एसडीओ ने नजरें तल्‍ख की तो उनका अंगरक्षक आपा खो बैठा और बिना कुछ सोचे-समझे रौशन को पीटने लगा। रौशन कहता है कि ये समस्‍या केवल उसकी नहीं है। किसी किसान को अब तक मुआवजा नहीं मिला, क्‍योंकि सारा खेल भ्रष्‍टाचार की नींव पर है। इसी गांव के किसान बलराम सिंह ने बताया कि उनकी जमीन पर भी सरकार ने जबरन सड़क बना दी, लेकिन मुआवजे की राशि अब तक नहीं मिली। अधिकारियों के पास फरियाद लगाने पर फटकार मिलती है। ऐसे सूरत में उन्‍हें परिवार के साथ भूखे मरना पड़ेगा।


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