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मानसून के दस्तक देते ही शुरू हुई रिमझिम फुहार

गया। बिहार में दक्षिण-पश्चिम मानसून के दस्तक देने के साथ ही गया जिले में भी रिमझिम फुहारें गिरने लगी है। रविवार को दोपहर में अचानक से काले बादल छा गए। कुछ ही क्षणों में रिमझिम बरसात होने लगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Jun 2021 12:04 AM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 12:04 AM (IST)
मानसून के दस्तक देते ही शुरू हुई रिमझिम फुहार
मानसून के दस्तक देते ही शुरू हुई रिमझिम फुहार

गया। बिहार में दक्षिण-पश्चिम मानसून के दस्तक देने के साथ ही गया जिले में भी रिमझिम फुहारें गिरने लगी है। रविवार को दोपहर में अचानक से काले बादल छा गए। कुछ ही क्षणों में रिमझिम बरसात होने लगी। कभी तेज तो कभी मध्यम बारिश हुई। करीब दो से ढाई घंटे तक अनेक जगहों पर हल्की बारिश होने की सूचना है। इस बीच तापमान में भी कमी आई है। मौसम में थोड़ी गरमाहट खासकर उमस से छूटकारा मिली है। हल्की ठंडी हवा ने मौसम की फिजां को बदल दिया है। मौसम के पूर्वानुमान में अगले 48 घंटों में हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं। इधर, मौसम विज्ञानी डॉ.जाकिर हुसैन ने कहा कि पूरे बिहार में मानूसन ने दस्तक दे दी है। रविवार को बारिश हुई है। अगले दो दिनों में भी बारिश होगी। रविवार को जिले का अधिकतम तापमान 30 डिग्री से. और न्यूनततम 25 डिग्री से. रिकार्ड किया गया।

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जलजमाव व कीचड़ से लोगों को हो रही परेशानी

-शहर में बारिश की शुरूआत होते ही कई नीचले इलाकों में कीचड़ व जलजमाव की समस्या भी देखने को मिल रही है। शहर के कई हिस्सों में अभी नाला उड़ाही का काम चल रहा है। जबकि इस तरह का काम मानसून से पहले ही हो जाना चाहिए था। खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। महारानी रोड में नाला उड़ाही के बीच जलजमाव से लोगों को परेशानी हुई। इधर, छोटकी नवादा प्रेतशीला रोड में अनेक गड्ढे महीनों से यूं ही पड़े हैं। बारिश के बाद जलजमाव व कीचड़ से आवागमन में मुश्किलें बढ़ गई है। कॉटन मिल समेत रेलवे कॉलनी इलाके में भी बारिश के बाद गंदगी की समस्या हो गई है। खरखुरा-डेल्हा इलाके में भी कीचड़ है। इन जगहों पर सड़क निर्माण का काम भी चल रहा है।

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पैकेजिग

रिमझिम बारिश के बीच गिराए जा रहे बिचड़े, इस बार अच्छी बारिश की उम्मीद

जासं, गया। जिले भर में काले बादलों के बीच बारिश होने के साथ ही खरीफ सीजन की खेतीबारी भी शुरू हो गई है। किसान भाई अभी अपने तैयार खेतों में बिचड़ा गिराने में जुट गए हैं। छिटपुट रूप से अभी बिचड़ा यानि धान के बीज खेत में डाले जा रहे हैं। अनेक जगहों पर जहां पहले से बिचड़ा गिरा हुआ है वहां हल्के-हल्के नवोदभिद पौधे भी उग आए हैं। प्रखंड कृषि पदाधिकारी वीरमणी पाठक ने कहा कि कुछ जगहों पर बिचड़ा गिरा है। इस हफ्ते ज्यादातर किसान बिचड़ा गिराने में जुट जाएंगे। उन्होंने बताया कि अभी 130-135 दिन की अवधि वाले धान मसलन सबौर श्री, सहभागी, राजेंद्र श्वेता प्रभेद का बिचड़ा किसान भाई लगा सकते हैं। उन्होंने बिचड़ा गिराने से पहले बीजोपचार पर भी जोर दिया।

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जून में अब तक 32 मिलीमीटर हुई बारिश

गया जिले में जून महीना खरीफ सीजन के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है। इसी महीने में बिचड़ा लगाया जाता है। इसके लिए खेतों में पर्याप्त नमी होना बहुत जरूरी है। जिला कृषि कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जिले में अब तक 32 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। इस माह का सामान्य वर्षापात 128.2 मिलीमीटर है। मौसम विज्ञानियों की मानें तो जून माह में अच्छी बारिश होने का अनुमान है।


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