आम श्रद्धालुओं के लिए 138 दिन बाद आज खुला महाबोधि मंदिर का पट, सुबह से ऐसा दिखा नजारा
कोरोना संक्रमण से बचाव के मद्देनजर 10 अप्रैल से बंद विश्वदाय धरोहर महाबोधि मंदिर का पट शुक्रवार से आम श्रद्धालुओं व बौद्ध भिक्षुओं के लिए खुलेगा। हालांकि बोधगया स्थित विभिन्न विदेशी बौद्ध महाविहार के पट खुलने को लेकर अभी संशय बना है।
जागरण संवाददाता, बोधगया (गया)। कोरोना संक्रमण से बचाव के मद्देनजर 10 अप्रैल से बंद विश्वदाय धरोहर महाबोधि मंदिर का पट शुक्रवार से आम श्रद्धालुओं व बौद्ध भिक्षुओं के लिए खुलेगा। हालांकि, बोधगया स्थित विभिन्न विदेशी बौद्ध महाविहार के पट खुलने को लेकर अभी संशय बना है।
अंतरराष्ट्रीय बुद्धिस्ट काउंसिल के महासचिव भंते प्रज्ञा दीप ने बताया, विदेशी बौद्ध महाविहार व मंदिरों के पट खोलने को लेकर सभी मोनास्ट्री व मंदिर के प्रभारियों से बात हो रही है। संभावना है कि महाबोधि मंदिर के बाद सभी विदेशी मोनास्ट्री व मंदिर के पट खुल जाएं। हालांकि अभी बोधगया में विदेशी पर्यटकों का आगमन नहीं के बराबर है, लेकिन देसी पर्यटक आ रहे हैं।
गौरतलब है कि कोरोना संकट को लेकर प्रदेश के सभी धार्मिक स्थल बीती 10 अप्रैल से बंद थे। अब अनलाक की घोषणा हुई तो मंदिर खुलने लगे हैं। बोधगया व गया के सभी मंदिरों के पट खुल जाने से छोटे छोटे व्यवसायियों को फायदा होगा। अनलाक-6 में धार्मिक स्थलों को खोलने के बाबत राज्य सरकार से अनुमति मिलने से बौद्ध धर्मावलंबियों व स्थानीय फुटपाथी दुकानदारों में खुशी है।
गुरुवार की सुबह देसी बौद्ध भिक्षु महाबोधि मंदिर के पट खुलने के इंतजार में बीटीएमसी के समीप जमा हुए, लेकिन जब उन्हें जानकारी मिली कि मंदिर का पट शुक्रवार से खुलेगा तो वे लौट गए। बीटीएमसी द्वारा मंदिर का पट खोलने से पहले लाल पैडस्टल क्षेत्र से लेकर मंदिर के आंतरिक हिस्से की साफ-सफाई कराई गई। बीटीएमसी के सचिव एन. दोरजे ने आदेश जारी कर कहा है कि सभी कर्मी पूर्व की भांति अपनी आवंटित जगहों पर कोविड के अनुकूल व्यवहार व अद्यतन मानक का अनुपालन करते हुए कर्तव्य का निर्वहन करेंगे।