Baba Ramdev पर बिहार के डॉक्टरों की नाराजगी बरकरार; गया में ओपीडी सेवा बंद, बिना परामर्श लौटे मरीज
एलोपैथी पर तल्ख टिप्पणी करने के आरोपित बाबा रामदेव पर बिहार के डॉक्टरों का रह-रहकर फूट रहा है। हालांकि डॉक्टरों की नाराजगी का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। गया में डॉक्टरों ने फिर कई चिकित्सीय सेवाओं को ठप कर दिया।
जागरण संवाददाता, गया। डाक्टरों पर आए दिन हो रहे हिंसक हमले और कोरोना महामारी के दौरान बाबा रामदेव के द्वारा एलोपैथी चिकित्सा को लेकर दिए गए विवादित बयान से नाराज आइएमए (IMA) और भासा (बिहार हेल्थ सर्विसेज एसोसिएशन) के डाक्टरों ने शुक्रवार को सांकेतिक रूप से ओपीडी को बंद रखकर अपना विरोध जताया। इस विरोध का आम मरीजों के इलाज पर असर देखने को मिला।
जयप्रकाश नारायण अस्पताल, प्रभावती समेत प्रखंड क्षेत्र के अनुमंडल व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी निर्धारित समय तक ओपीडी की सेवाओं को बंद रखा गया। जेपीएन अस्पताल में भासा के सचिव डा. संजय सिंह ने बताया कि आई एम ए के द्वारा उक्त ओपीडी बहिष्कार का ऐलान किया गया था। इसे बिहार हेल्थ सर्विसेज एसोसिएशन की ओर से नैतिक समर्थन दिया गया। अपने विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम के तहत जयप्रकाश नारायण अस्पताल के डाक्टरों ने काला फीता लगाकर बैनर के साथ विरोध जताया।
जेपीएन अस्पताल में सुबह साढ़े 8 बजे से 11 बजे तक ओपीडी की सेवाएं पूरी तरह से बंद रही। हालांकि इस बीच इमरजेंसी की सेवाएं अपने रूटीन अनुसार चलती रही। साढ़े 11 बजे के बाद जेपीएन अस्पताल के ओपीडी में डॉक्टर बैठे। इस बीच जिस समय जिस समय ओपीडी बंद था उस समय कई मरीज बगैर इलाज कराए लौट गए। कई लोग दवा लेना चाह रहे थे लेकिन ओपीडी पर डाक्टर का निर्देश नहीं होने के कारण उन्हें दवा नहीं मिल सकी।
एंटी रेबीज वैक्सीन का दूसरा डोज लिए बिना लिए लौटे मरीज
कटारी हिल से चुन्नू कुमार एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने आए थे। उन्हें दूसरा डोज लेना था। लेकिन ओपीडी बंद रहने के कारण उन्हें लौटना पड़ा। इसी तरह से शहर के बाटा मोड़ की अनीता देवी पुराने पुर्जा के हिसाब से दवा लेने पहुंची थी। लेकिन उन्हें दवा नहीं मिल सकी। हालांकि अस्पताल के दवा काउंटर पर इमरजेंसी मरीज के लिए दवाएं उपलब्ध थी।
आइएमए ने विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम को बताया सफल
आइएमए, गया के जिला सचिव डॉ. यूएस अरुण ने एक दिन के सांकेतिक विरोध प्रदर्शन के कार्यक्रम को पूरी तरह से सफल बताया। उन्होंने कहा कि जेपीएन, प्रभावती समेत सभी प्राइवेट नर्सिंग होम में भी ओपीडी सेवाएं साढ़े 12 बजे तक बंद रही। मगध मेडिकल कॉलेज में भी डॉक्टरों ने अपनी एकजुटता दिखाई। हालांकि, मगध मेडिकल कॉलेज के कोविड-19 वार्ड में चिकित्सा व्यवस्था पहले की तरह ही जारी रही। इमरजेंसी सेवा पर कोई असर नहीं पड़ा। डाक्टर हर रोज की तरह ही भर्ती मरीजों की देखभाल कर रहे थे।