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ध्वस्त पुलिया से गिरकर अदरी नदी में डूबे बच्चे का दूसरे दिन मिला शव

औरंगाबाद। जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के कुंडा गांव निवासी लोहड़ी पाल का नौ वर्षीय पुत्र पिटु कुमार की मौत अदरी नदी में डूबने से हो गई। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा। इसके बाद शव को स्वजनों को सौंप दिया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Jul 2021 11:28 PM (IST)Updated: Sat, 24 Jul 2021 11:28 PM (IST)
ध्वस्त पुलिया से गिरकर अदरी नदी में डूबे बच्चे का दूसरे दिन मिला शव
ध्वस्त पुलिया से गिरकर अदरी नदी में डूबे बच्चे का दूसरे दिन मिला शव

औरंगाबाद। जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के कुंडा गांव निवासी लोहड़ी पाल का नौ वर्षीय पुत्र पिटु कुमार की मौत अदरी नदी में डूबने से हो गई। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा। इसके बाद शव को स्वजनों को सौंप दिया।

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जानकारी के अनुसार, पिटु कुमार शुक्रवार की दोपहर में घर से निकला था। नदी के उस पार स्थित महाबीर बिगहा गांव की तरफ जाने के लिए अदरी नदी को पार कर रहा था कि ध्वस्त पुलिया से पैर फिसल गया और पानी में गिर गया। नदी में गिरने के बाद वह गहरे पानी में चला गया, जिससे वह डूब गया। जब शाम तक घर नहीं लौटा तो स्वजन और ग्रामीण उसे खोजने लगे। पूरी रात पिंटू की खोज की गई पर पता नहीं चला। शनिवार सुबह होने के बाद ग्रामीण नदी की तरफ गए तो शव को उतराते देखा। बच्चे का शव देखते ही गांव में कोहराम मच गया। सूचना पर पहुंचे पिता एवं मां शव से लिपटकर रोने लगे। वहीं, घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। पिता ने रोते हुए कहा कि दो संतान में पिंटु छोटा था। भगवान ने इसे छीन लिया। रोते हुए कहा कि सोचा था दोनों पुत्र बुढ़ापे का सहारा बनेंगे पर भगवान को यह मंजूर नहीं था। पिता की रुलाई से सभी की आंखें नम हो जा रही थी।

हसौली पंचायत के पूर्व मुखिया कृष्णा प्रसाद चंद्रवंशी समेत ग्रामीणों ने बताया कि जहां पर घटना हुई है। वहां पर हर समय ऐसी घटना होती रहती है। कुंडा एवं महाबीर बिगहा के बीच उस जगह पर पुल की आवश्यकता है। पुलिस निर्माण की मांग कई वर्षों से की जा रही है पर आजतक इस समस्या के प्रति जनप्रतिनिधियों ध्यान नहीं दिया। नदी को पार करने के लिए वर्षों पूर्व रखे गए ह्यूम पाइप ध्वस्त हो गया है। बिजली के खंभे के सहारे बच्चे व ग्रामीण नदी को पार करते हैं और फिसलकर नदी में गिर जाते हैं। अगर ग्रामीण देख लेते हैं तो जान बच जाती है अन्यथा मौत हो जाती है।


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