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किलकारी के बच्‍चों ने गीत व नृत्‍य प्रस्‍तुत कर गया की संस्‍कृति को दर्शाया, कुरीतियों के खिलाफ किया जागरूक

गया घराने के ठुमरी गायन की विस्तृत जानकारी अनुग्रह मेमोरियल कॉलेज के संगीत विधा के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर महेश लाल हल के द्वारा दी गई। संगत कलाकार में तबला पर दिनेश कुमार मउआर हारमोनियम पर सर्वोत्तम कुमार एवं प्रशिक्षक संदीप कुमार सिन्हा उपस्थित रहे।

By Prashant KumarEdited By: Published: Mon, 25 Jan 2021 10:09 AM (IST)Updated: Mon, 25 Jan 2021 10:09 AM (IST)
किलकारी के बच्‍चों ने गीत व नृत्‍य प्रस्‍तुत कर गया की संस्‍कृति को दर्शाया, कुरीतियों के खिलाफ किया जागरूक
लोकगीत की रिकॉर्डिंग करती किलकारी की टीम। जागरण।

जागरण संवाददाता, गया। बिहार बाल भवन किलकारी गया के लिए गणतंत्र दिवस के पूर्व संध्या एक विशेष दिन रहा। जिसमे एक साथ कई गतिविधियों का संचालन प्रमंडल कार्यक्रम समन्वयक प्रणव भारती, सहायक लेखा पदाधिकारी धर्मेन्द्र कुमार चौधरी एवं सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी नादरा कौसर व प्रशिक्षकों केनेत्रित्व में किया गया। प्रथम चरण में संगीत विधा से किलकारी एवं युनिसेफ़ के संयुक्त तत्वाधान में यू टयूब हेतु विडियो निर्माण का कार्य किया गया।

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जिसमें गया घराने के ठुमरी गायन की विस्तृत जानकारी अनुग्रह मेमोरियल कॉलेज के संगीत विधा के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर महेश लाल हल के द्वारा दी गई। संगत कलाकार में तबला पर दिनेश कुमार मउआर ,हारमोनियम पर सर्वोत्तम कुमार एवं प्रशिक्षक संदीप कुमार सिन्हा उपस्थित रहे। साथ ही लोक नृत्य में यू टयूब हेतु विडियो रिकॉर्डिंग के लिए नृत्य प्रशिक्षक गौतम कुमार के नेत्रित्व में गया गाथा की प्रस्तुती की गई। जिसमे लगभग 40 बच्चों के द्वारा बिहार व गया की संस्कृतियों को दिखाया गया जैसे छठ पूजा, पटवा टोली, रमना तिलकुट, बोध गया, विष्णुपद आदि शामिल है।

दूसरे चरण में आज राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर कुछ बच्चों ने लिंग भेदभाव, लड़कियों को लेकर समाज में फैली हुई क्रुतियाँ इत्यादि विषय पर वीडियों निर्माण किया। साथ ही युनिसेफ़ एवं किलकारी दरभंगा के संयोजन से ऑनलाइन ज़ूम एप पर बाल सभा का आयोजन किया गया। जिसमें किलकारी गया के संगीत एवं चित्रकला विधा से प्रशिक्षक एवं बच्चे उपस्थित रहे। इस बाल सभा का आयोजन किलकारी दरभंगा द्वारा किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के संगीत विधा की विभागाध्यक्ष  प्रोफेसर लावण्या कृति सिंह थी। इन्होने बच्चों से ज़ूम के माध्यम से जुड़ कर सांस्कृतिक पक्ष को समझाने का कार्य किया।


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