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कैमूर को रोहतास से जोड़ने वाला पुल क्षतिग्रस्‍त, जगह-जगह पड़ी दरार, आवागमन ठप होने की आशंका

कैमूर जिले के रामपुर में दुर्गावती नदी पर बने पुल की सूरत बिगड़ गई है। जगह-जगह दरारें आ गई हैं। इस कारण से इस पथ पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित होने की आशंका है। ऐसा होने पर परेशानी बढ़ जाएगी।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 08:21 AM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 08:21 AM (IST)
कैमूर को रोहतास से जोड़ने वाला पुल क्षतिग्रस्‍त, जगह-जगह पड़ी दरार, आवागमन ठप होने की आशंका
जगह-जगह क्षतिग्रस्‍त हो गया है पुल। जागरण

संसू रामपुर (कैमूर)। रामपुर प्रखंड में सबार गांव के पास कैमूर को रोहतास से जोड़ने वाले दुर्गावती नदी पर बने पुल में दरार आ गया है। पुल जगह-जगह क्षतिग्रस्‍त हो गया है। अगर समय रहते इसकी मरम्मत नहीं की गई तो किसी भी समय आवागमन बंद हो सकता है। इस पुल से प्रतिदिन सैकड़ों बड़े-छोटे वाहन गुजरते हैं। ऐसे में अगर पुल से आवाजाही बंद हुई तो बड़ी समस्‍या हो सकती है।

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पांच दशक पूर्व हुआ था पुल का निर्माण

कैमूर जिला मुख्यालय से करीब 30  किमी की दूरी पर सबार के दुर्गावती नदी से रोहतास जिले के चेनारी जाने के लिए इस पुल का निर्माण पांच दशक पूर्व सिंचाई विभाग ने करायाथ था। इस पुल से कैमूर व रोहतास की दूरियां कम हो गई। कैमूर और रोहतास के बीच आने-जाने के लिए प्रतिदिन हजारों लोग इस पुल का उपयोग करते हैं। पुल का उद्घाटन 1971 में किया गया था। दो सौ मीटर लंबे इस पुल के नीचे दुर्गावती नदी की अविरल धारा बहती है। दुर्गावती नदी में औसत से ज्यादा पानी होने पर पुल में बने तीन रास्‍ते से पानी गिराया जाता है।

भारी वाहनों के कारण बिगड़ी सूरत

इस पुल का निर्माण सिंचाई विभाग के वाहनों को आने जाने के लिए किया गया था।लेकिन बाद में इस पर सभी गाड़ियों का परिचालन प्रारंभ हो गया। पुल के निर्माण होने के बाद कई वर्षो तक भारी वाहन नहीं जाते थे। इस दौरान छोटी गाड़िया ही आया-जाया करती थी। अब तो छोटी गाड़ियों के अलावा भारी वाहन भी आने जाने लगे है। जो आज भी चलते है। री वाहनों के लगातार आवाजाही से इस पुल की हालत बिगड़ती चली गई। अब इस पुल के पथ पर गड्ढे हो गए हैं। दरारें पड़ गई हैं। राहगीरों ने बताया कि इस पुल पर कुल 8 जगहों के प्वाइंट्स है। जिसमें 5-6 जगहों पर दरार पड़ गई है। जो लगातार भारी वाहन के परिचालन से बढ़ती ही जा रही है। वर्षा होने पर तो इस पुल पर झील सा नजारा बन जाता है।

ढाई वर्ष पहले ही पुल के पथ की हुई थी पीसीसी ढलाई

कई ग्रामीणों  ने बताया कि करीब ढाई वर्ष पहले इसकी मरम्मत की गई थी। मरम्मत में इस पुल के पथ की पीसीसी ढलाई लाखों की लागत से नीचे छड़ डाल कर कराई गयी थी। लेकिन पुल के पथ की मरम्मत होने के 6 माह बाद ही दरारें पड़ने लगी। लेकिन सिंचाई विभाग के पदाधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। जिसका नतीजा हुआ कि यह पुल के पथ में पीसीसी ढलाई धंस कर छड़ दिखने लगा है। एक जगह ही कई जगहों पर ऐसा देखा जा सकता है।


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