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बोधगया में विदेशी पर्यटकों पर कोरोना का ब्रेक, दिसंबर के महीने में पहली बार दिख रही वीरानगी

Tourism in Bodhgaya विदेशी पर्यटकों से गुलजार रहने वाला बोधगया में पसरा सन्नाटा नवंबर से फरवरी तक का महीना बोधगया में पर्यटन के लिहाज से है काफी महत्‍वपूर्ण देशी पर्यटकों के आने से बाजार में थोड़ी बढ़ी है चहलपहल

By Shubh NpathakEdited By: Published: Mon, 21 Dec 2020 10:41 AM (IST)Updated: Mon, 21 Dec 2020 10:41 AM (IST)
बोधगया में विदेशी पर्यटकों पर कोरोना का ब्रेक, दिसंबर के महीने में पहली बार दिख रही वीरानगी
बिहार के गया जिले में बोधगया का महाबोधि मंदिर। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

बोधगया, जागरण संवाददाता। Tourism in Bodhgaya: केवल बिहार (Bihar Tourism) ही नहीं बल्कि पूरे भारत (Tourism in India) और पूरी दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर गया (Tourism in Gaya) जिले का नाम महत्‍वपूर्ण है। गया शहर जहां हिंदूओं और जैनियों के लिए श्रद्धा का महत्‍वपूर्ण केंद्र है वहीं बोधगया से बौद्ध (Boudh) मत के अनुयायियों का गहरा जुड़ाव है। बोधगया के महाबोधि मंदिर (Mahabodhi Temple) से हिंदू (Hindu) और जैन (Jain) भी समान आस्‍था रखते हैं। भगवान बुद्ध (Lord Buddha) से जुड़ा बोधगया अंतरराष्‍ट्रीय पर्यटन स्‍थल है, जहां विदेशी पर्यटकों (foreign tourist) का आना-जाना सालाेंभर लगा रहता है। हालांकि दिसंबर का महीना यहां अंतरराष्‍ट्रीय पर्यटकों के लिहाज से काफी मायने रखता है। इस महीने में विश्वदाय धरोहर महाबोधि मंदिर में न सिर्फ बौद्ध श्रद्धालुओं का धार्मिक कृत्यों का आयोजन होता है। बल्कि बौद्ध परिपथ परिभ्रमण करने वाले विदेशी पर्यटक भी काफी संख्या में बोधगया आते हैं। लेकिन इस वर्ष कोरोना वायरस के खौफ के कारण सन्नाटा पसरा है।

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होटल के व्‍यवसाय पर पड़ा है गहरा असर

विभिन्न विदेशी बौद्ध मंदिरों का पट मार्च से लेकर अभी तक बंद है। हालांकि लॉकडाउन अनलॉक होने के बाद से देशी पर्यटकों का बोधगया आना शुरू हुआ है। हाल के दिनों में दो दिन महाबोधि मंदिर में दर्शन के लिए देशी पर्यटकों की लंबी कतार देखी गयी थी। बोधगया की सड़कों पर विदेशी पर्यटक की बात करें तो जो यहां प्रवास कर रहे हैं, वहीं सुबह और शाम दिखते हैं। बिहार टूरिज्म के आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष मार्च के बाद कोई भी विदेशी पर्यटक बोधगया नहीं आया। इस दौरान जो यहां थे वे भी स्वदेश लौट गए। कुल मिलाकर आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आयी है। होटल व्यवसाय भी ठप पड़ा है। इक्का-दुक्का होटल में कुछ कमरे की बुकिंग देशी पर्यटकों का हो रहा है।

गया इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भी छाई हुई है वीरानी

बोधगया में पर्यटक तीन मार्ग से आते हैं। हवाई मार्ग, रेल मार्ग और सड़क मार्ग से। दिसंबर माह में थाईलैँड, भूटान, श्रीलंका, म्यांमार आदि देशों से सीधे तौर पर बोधगया जुड़ा रहता है। यहां से अंतरराष्ट्रीय उड़ान के तहत विमानों का आवागमन होता था। लेकिन इस वर्ष गया इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भी विरानी है। दूसरा बौद्ध परिपथ परिभ्रमण पर निकले पर्यटक सड़क मार्ग से बोधगया आते थे। इससे ट्रेवल व्यवसायी को फायदा होता था। लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं है। बोधगया में प्रतिवर्ष सर्वाधिक श्रीलंका, थाईलैंड और म्यांमार से पर्यटक आते हैं। इसके अलावे अन्य देशों के पर्यटकों का भी पर्यटन मौसम के दौरान बोधगया आना होता है। तिब्बतियों के आध्यात्मिक धर्मगुरु दलाईलामा और 17 वें करमापा के टीचिंग कार्यक्रम में ताईवान और चीन से भी काफी संख्या में बौद्ध पर्यटक बोधगया आते थे। इस बार कोरोना के कारण न तो महाबोधि मंदिर में कोई धार्मिक कृत्यों का आयोजन हो रहा है और ना ही धर्मगुरुओं का विशेष टिङ्क्षचग सत्र का संचालन है।


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