औरंगाबाद में सामूहिक दुष्कर्म के आरोपितों को 60 दिन में दिलाई जाएगी सजा, 10 दिनों में दाखिल होगा आरोप पत्र
मदनपुर थाना क्षेत्र के एक गांव से अपहृत कर 19 वर्षीया छात्रा के साथ की गई सामूहिक दुष्कर्म मामले को लेकर पुलिस गंभीर है। एसपी कांतेश कुमार मिश्र ने कहा है कि मामले में पुलिस 10 दिनों में न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल करेगी। स्पीडी ट्रायल चलाकर सजा दिलाई जाएगी।
औरंगाबाद, जागरण संवाददाता। मदनपुर थाना क्षेत्र के एक गांव से अपहृत कर 19 वर्षीया छात्रा के साथ की गई सामूहिक दुष्कर्म मामले को लेकर पुलिस गंभीर है। एसपी कांतेश कुमार मिश्र ने सोमवार को बताया कि मामले में पुलिस 10 दिनों में न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल करेगी। दोषियों को सख्त सजा मिले इसके लिए प्रयास करेगी। पीडि़ता का बयान पुलिस के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि मामले को लेकर जिला एवं सत्र न्यायाधीश से बात की गई है। स्पीडी ट्रायल चलाकर आरोपियों को सजा दिलाई जाएगी।
पीडि़ता के मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार
एसपी ने बताया कि पुलिस का प्रयास होगा कि आरोपितों को 60 दिनों न्यायालय से सजा मिले। मामले में गवाहों की गवाही समय से कराई जाएगी। पुलिस मेडिकल रिपोर्ट आने का इंतजार कर रही है। मेडिकल रिपोर्ट सोमवार तक नहीं मिला है। रिपोर्ट आने के बाद न्यायालय में तत्काल आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा। एसपी ने बताया कि कुछ मीडिया में पांच आरोपित होने की बात कही जा रही है जो गलत है। पीडि़ता के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई है उसमें तीन आरोपित किए गए हैं। पुलिस ने तीनों को आरोपितों राहुल कुमार उर्फ बिट्टू, अविनाश कुमार एवं पंकज कुमार को गिरफ्तार कर लिया है।
इस मामले में कोई भी आरोपित फरार नहीं है। युवती के प्रेम-प्रसंग वाली बयान पर एसपी ने कहा कि हो सकता है पुलिस ने जिस समय युवती को देव मोड़ से बरामद किया है उस समय वह नशे में हो। छात्रा के बयान पर पुलिस कार्रवाई कर रही है। मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद सभी तथ्यों का खुलासा हो सकेगा। ऐसे मामले में मेडिकल रिपोर्ट महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने बताया कि पीडि़ता को प्रतिकर राशि 30 दिनों के अंदर दिलाई जाएगी। इस संबंध में संबंधित अधिकारी से बात हुई है।
कम से कम 20 वर्ष या उम्रकैद का है प्रावधान
एसपी कांतेश कुमार मिश्र ने बताया कि पुलिस मामले में अपहरण एवं सामूहिक दुष्कर्म की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज किया है। 376 (डी) में कम से कम 20 वर्ष, अधिकतम उम्र कैद की सजा का प्रावधान है। पुलिस इन धाराओं में ही आरोप पत्र दाखिल करेगी। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि उम्र कैद में आरोपियों को अंतिम सांस तक जेल में रहना होगा।