साइबर क्राइम में है एक्सपर्ट आतंकी तौसीफ, असानी से हैक कर लेता है साइट
बिहार के गया में गिरफ्तार अहमदाबाद ब्लास्ट मामले का आरोपी आतंकी तौसीफ साइबर एक्सपर्ट है। उसने महाराष्ट्र के डीवाई पाटिल विश्वविद्यालय से बी-टेक की पढ़ाई की है।
गया [जेएनएन]। बिहार के गया से गिरफ्तार 35 वर्षीय तौसीफ कोई छोटा-मोटा आतंकी नहीं है। वह साइबर एक्सपर्ट था और हाईटेक ढंग से आतंकी गतिविधियां संचालित किया करता था। वह किसी साइट को हैक कर मैसेज भी भेज सकता है। यही कारण था कि वह गया के विभिन्न साइबर कैफे से आतंकी गतिविधियां ही संचालित करता था।
एजेंसियों से पूछताछ में पता चला कि अहमदाबाद निवासी तौसीफ की शिक्षा-दीक्षा वहीं हुई है। तौसीफ ने बताया कि उसने महाराष्ट्र के डीवाई पाटिल विश्वविद्यालय से बी-टेक (इंजीनियङ्क्षरग) की पढ़ाई की है। इसलिए उसे कंप्यूटर की अच्छी जानकारी है।
कैफे संचालक की सजगता से ही पकड़ाया
शहर के राजेंद्र आश्रम स्थित साइबर कैफे संचालक की सजगता से ही हाईटेक आतंकी तौसीफ पकड़ा गया है। संचालक ने बताया कि तौसीफ की गतिविधियों पर वह गत दो दिन से नजर रखे हुए था। वह दो दिन आकर साइबर कैफे में काम कर रहा था। आइ-कार्ड, आधार कार्ड या मोबाइल नंबर मांगने पर नहीं देता था। इसकी सूचना उन्होंने सिविल लाइंस थाने को दे दी।
इसके बाद तौसीफ ने रिक्शा पकड़ कर भागने की कोशिश की लेकिन कैफे संचालक के शोर मचाने पर उसी समय पहुंचे टाउन डीएसपी आलोक कुमार सिंह एवं सिविल लाइंस थानाप्रभारी के हरि ओझा ने उसे दबोच लिया।
सिविल लाइंस थाने में नहीं हुई प्राथमिकी
सिविल लाइंस थाना पुलिस को पहले पता नहीं था कि उसने कितने बड़े आतंकी को गिरफ्तार किया है। जब मीडिया में उसके बारे में खबरें आईं, उसके बाद पुलिस ने उसके अन्य लोगों से मिलने-जुलने पर रोक लगाते हुए सुरक्षा बढ़ाई।
सिविल लाइंस थानाध्यक्ष हरि ओझा ने बताया कि थाना पुलिस ने अहमदाबाद बम ब्लास्ट के फरार वारंटी को गिरफ्तार किया है। इस कारण यहां प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। जब प्राथमिकी नहीं है, तो उसे न्यायालय भेजने का प्रश्न कहां उठता है।