एफएसएल व सीआइडी की टीम गया पुलिस को जांच में करेगी सहयोग : एडीजी
मानपुर के अंजना हत्याकांड की जानकारी लेने के लिए एडीजे विधि व्यवस्था आलोक राज रविवार को गया पहुंचे। उन्होंने गया पुलिस के अनुसंधान और ऑनर किलिंग पर कोई टिप्पणी नहीं की। कहा कि अभी अनुसंधान ओपेन है। गया पुलिस की जांच में सहयोग करने के लिए पटना के एफएसएल और सीआइडी की टीम सोमवार को मानपुर जाएगी। दोनों टीम के अधिकारी अंजना हत्याकांड के अनुसंधान में सहयोग करेंगे।
जागरण संवाददाता, गया : मानपुर के अंजना हत्याकांड की जानकारी लेने के लिए एडीजे विधि व्यवस्था आलोक राज रविवार को गया पहुंचे। उन्होंने गया पुलिस के अनुसंधान और ऑनर किलिंग पर कोई टिप्पणी नहीं की। कहा कि अभी अनुसंधान ओपेन है। गया पुलिस की जांच में सहयोग करने के लिए पटना के एफएसएल और सीआइडी की टीम सोमवार को मानपुर जाएगी। दोनों टीम के अधिकारी अंजना हत्याकांड के अनुसंधान में सहयोग करेंगे।
एडीजे ने अंजना की निर्मम हत्या पर गहरी संवेदना व्यक्त की। एक नाबालिग की निर्मम हत्या को दुखद बताया। उन्होंने कहा कि सभी बिंदुओं पर जांच की जाएगी। वैज्ञानिक तरीके भी अपनाए जाएंगे। अभी अनुसंधान प्रारंभिक स्टेज में है। अनुसंधान पूरा होने पर ही घटना पर टिप्पणी करेंगे। अंजना की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद अनुसंधान में प्रगति होगी। वरीय पदाधिकारियों ने घटना का संज्ञान लिया है। हम पीड़ित परिवार से भी मिलेंगे। प्रथम दृष्टया में कुछ स्पष्ट नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि अनुसंधान में मिले साक्ष्य और न्यायालय में दिए गए बयान के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की है। पटवा समाज की ओर से दिए गए आवेदन में जो बिंदु अंकित किए गए हैं, उसकी भी जांच की जाएगी। जिला पुलिस जो भी जांच कर रही है, उसमें कोई हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा।
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गया पुलिस पर भरोसा नहीं, सीबीआइ से हो जांच : पटवा समाज
गया : पटवा समाज का शिष्टमंडल एडीजे विधि व्यवस्था से रविवार को एसएसपी कार्यालय में मुलाकात की। ज्ञापन सौंपने के बाद प्रेम नारायण ने कहा कि पटवा समाज अंजना हत्याकांड को ऑनर किलिंग मानने को तैयार नहीं है। किस आधार पर गया पुलिस इस घटना को ऑनर किलिंग मान रही है, इसका पुलिस साक्ष्य उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि उन्हें गया पुलिस के अनुसंधान पर भरोसा नहीं है। अंजना हत्याकांड की सीबीआइ से जांच कराई जाए।
उन्होंने एडीजी ने कहा कि लड़की के पिता को गया पुलिस ने इतनी यातनाएं दी कि वह अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पा रहा है। केंद्रीय कारागार में बंद तुराज प्रसाद को देखकर यातनाओं का अंदाजा लगाया जा सकता है। अमानवीय तरीके से पुलिस ने पीड़ित परिवार की पिटाई की है। वह जेल में भी दूसरों के सहारे शौच के लिए जा रहा है। पुलिस ने डरा-धमका कर कोर्ट में भी बयान दिलवाया। घटना में जो दोषी है, उसे सजा दिलाई जाए। उन्होने कहा कि हत्याकांड की जांच सीबीआइ से नहीं करवाई गई तो हमलोग पटना जाकर आमरण अनशन करेंगे। इतना ही नहीं, विरोध में पुन: मानपुर पावलूम उद्योग बंद कर दी जाएगी।