कैमूर के कई घरों में अब भी नहीं पहुंच रहा नल का जल, लेकिन जांच टीम को नहीं दिखी कोई भी खामी
नल-जल योजना में मिल रही शिकायतों की जांच के लिए जिलास्तर से टीम का गठन किया गया था। लेकिन जांच टीम को कहीं कुछ खामी नहीं दिखी। जबकि वास्तविकता है कि अब भी कई घरों में नल का जल नहीं पहुंच रहा।
संवाद सूत्र, नुआंव (कैमूर)।सरकार की महत्वकांक्षी नल - जल योजना में लगातार भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद जिला प्रशासन ने रैंडम आधार पर प्रत्येक प्रखंड के दो गांवों में जांच के लिए टीम गठित की थी। लेकिन हद तो यह कि इतनी शिकायतों के बावजूद जांच टीम को सबकुछ सही मिला। जबकि हकीकत यह है कि अभी भी कई घरों में पानी की आपूर्ति नहीं हो रही।
जहां हालत ठीक वहीं जांच को गई टीम
मालूम हो कि रैंडम जांच के लिए नुआंव प्रखंड के दो गांवों अवंती और अकोल्ही का चयन किया गया था। अवंती में जांच टीम के सदस्यों में मनरेगा के पीओ गिरेंद्र कुमार और शिक्षा विभाग के जेई प्रमोद कुमार तथा अकोल्ही में मनरेगा पीओ धर्मेंद्र सिंह व ग्रामीण कार्य विभाग के सहायक अभियंता जमील अहमद शामिल थे। जांच टीम के सदस्यों को जानबूझकर वैसे स्थानों पर ले जाया गया जहां स्थिति ठीक ठाक थी। अवंती गई जांच टीम ने कहा कि सब कुछ ठीक है। अकोल्ही की जांच टीम को वार्ड एक और दो में केवल लीकेज और 15- 20 घरों में ऊंचाई के कारण पानी नहीं पहुंचने की शिकायत मिली।
साहब पांच घरों पर दो नल दिए गए
जबकि इसी पंचायत के वार्ड नं 13 में रामपुर लगभग एक सौ परिवारों की बस्ती है। उसमें केवल लगभग 70 घरों में ही पानी की सप्लाई नल से होती है। प्रतापपुर में भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति है। यहां की महादलित बस्ती में जैसे तैसे कार्य को निबटा दिया गया। पैसे आने के बाद भी यहां मरम्मत नहीं हो रही। महादलित बस्ती के गुड्डू ने बताया कि हम लोगों के पांच घरों पर केवल दो नल लगाए गए हैं। वह भी घर से बाहर जिसमें एक नल टूट गया है उसकी मरम्मती नहीं हो रही है । इसी तरह रामभरोसे और अर्जुन ने बताया कि हम लोगों के घर में पानी नहीं आता है । टोंटी प्लास्टिक की या लोहे की लगाई गई है। इस बाबत बीडीओ रमन कुमार सिन्हा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमें जानकारी नहीं है यदि ऐसा है तो हम उसकी जांच कराएंगे।