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अतिक्रमण की भेंट चढ़ रहा रामायण काल की तमसा नदी

गया। रामायण काल की तमसा नदी वर्तमान में तिलैया नदी अतिक्रमणकारियों का भेंट चढ़ता जा रहा

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 09:00 AM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 09:00 AM (IST)
अतिक्रमण की भेंट चढ़ रहा रामायण काल की तमसा नदी
अतिक्रमण की भेंट चढ़ रहा रामायण काल की तमसा नदी

गया। रामायण काल की तमसा नदी वर्तमान में तिलैया नदी अतिक्रमणकारियों का भेंट चढ़ता जा रहा है । कभी दर्जनों गांव के सैकड़ों एकड़ जमीन के लिए यह नदी वरदान साबित होती थी लेकिन अतिक्रमण के कारण यह नदी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। कभी 300-350 फीट चौड़ाई में बहने वाली नदी अतिक्रमण के कारण सिकुड़ते -सिकुड़ते महज 60-70 फीट ही रह गया है। यदि इसी तरह अतिक्रमण जारी रहा तो दो-चार वर्षों के बाद नदी सिर्फ मानचित्र के पन्नों में ही सिमट कर रह जाएगी। आने वाली पीढ़ी मानचित्र के सहारे ही जान पाएंगे कि हिसुआ प्रखंड से होकर रामायण काल की तमसा नदी बहती थी, जिसके तट पर माता सीता ने निर्वासित जीवन व्यतीत की थी।

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बंजर हो जायेगा उपजाऊ जमीन

- अतिक्रमण के कारण तमसा नदी का अस्तित्व समाप्त होने पर सोनसा, बगोदर , बजरा, घुरिहा , डोमन विगहा, भेलवा, ओड़ो, भेलू विगहा , पांचू विगहा , महम्मदपुर, बेलदरिया , कहरिया , फुलवरिया , कैथिर, सिघौली सहित दर्जनों गांव के सैकड़ों हेक्टेयर उपजाऊ जमीन सिचाई के अभाव में बंजर हो जाएगी। समाजसेवी देवेन्द्र विश्वकर्मा ने बताया ने बताया कि नदी किनारे बसे गांव के ग्रामीणों ने नदी के पश्चिमी किनारे को धीरे-धीरे भराई कर पहले उसे अपने कब्जे में लेकर बागबानी का कार्य आरंभ किया, बाद में मकान बनाने लगे। ग्रामीण एवं प्रशासन द्वारा कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर वर्तमान में नदी में सैकड़ों घर बन गया है तथा दर्जनों एकड़ जमीन पर सब्जी एवं बागबानी होने लगा है । कभी 300-350 फीट में बहने वाली नदी की चौड़ाई 60-70 फीट ही रह गया है । बरसात के दिनों में 60-70 फीट में पानी बहने से पानी का धारा काफी तीव्र रहने से सिचाई के लिए लगाये गये बांध पानी के तेज बहाव में बह जाती है ।

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उच्च न्यायालय के आदेश की हो रही अवहेलना

- उच्च न्यायालय पटना ने अपासी, नदी , नाला , पईन , आहर, पोखर एवं अन्य जल स्त्रोत का अतिक्रमण को मुक्त कराने का निर्देश जिला पदाधिकारी एवं संबंधित प्रखंड के अंचलाधिकारी को दिया है। उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में तत्कालीन जिलाधिकारी मनोज कुमार ने अतिक्रमणकारियों को नोटिस देने का आदेश तत्कालीन हिसुआ के सीओ पिटु कुमार को दिया था। लेकिन जिलाधिकारी के तबादला हो जाने पर अंचलाधिकारी ने उस निर्देश को ठंडे बस्ते में डाल दिया ।

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कहते हैं अधिकारी

तिलैया नदी में हुए अतिक्रमण की जांच कराई जाएगी। रिपोर्ट आने पर हिसुआ एवं नरहट सीओ को अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया जाएगा। अतिक्रमण हटाने का विरोध करने वालों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

यशपाल मीणा,जिलाधिकारी, नवादा।


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