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धूल साफ करने के बजाय खुद धूल फांक रही मशीन

नगर निगम द्वारा शहर की सड़कों की सफाई के लिए खरीदी गई 1.80 करोड़

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Oct 2018 12:06 AM (IST)Updated: Sat, 06 Oct 2018 12:06 AM (IST)
धूल साफ करने के बजाय खुद धूल फांक रही मशीन
धूल साफ करने के बजाय खुद धूल फांक रही मशीन

संजय कुमार, गया

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नगर निगम द्वारा शहर की सड़कों की सफाई के लिए खरीदी गई 1.80 करोड़ रुपये की स्वीपिंग मशीन सड़कों पर धूल साफ करने के बजाय खुद धूल फांक रही है। पितृपक्ष मेले में एक दिन भी बाहर नहीं निकली। दो माह से नगर निगम परिसर में ही खड़ी है। अभी तक सिर्फ ट्रायल के लिए एक-दो दिन मशीन को सड़क पर निकाली गई।

मशीन की खरीदारी के बाद नगर निगम बोर्ड और सशक्त स्थायी समिति की बैठक में निर्णय लिया गया था कि हरहाल में पितृपक्ष मेला क्षेत्र की सफाई मशीन से की जाएगी। मेला शुरू हुए ग्यारह दिन बीत चुके हैं और लोगों को मशीन का दर्शन तक नहीं हुआ। मेला क्षेत्र की सफाई के लिए मशीन का उपयोग न कर लाखों रुपये आउटसोर्सिग पर खर्च कर दिए गए। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि जब इसका उपयोग करना ही नहीं है तो फिर लाखों रुपये खर्च क्यों किए गए?

नगर आयुक्त ईश्वर चंद्र शर्मा ने कहा कि पितृपक्ष मेला क्षेत्र की सफाई आउटसोर्सिग के माध्यम से हो रही है। इसी कारण मशीन नहीं निकाली गई। ट्रायल के लिए एक-दो दिन मशीन से शहर के मुख्य मार्गो की सफाई की गई है। मशीन चलाने के लिए एक चालक को कोलकाता प्रशिक्षण के लिए भेजा गया है। चालक के आने पर मशीन से सफाई की जाएगी।

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एक घंटे में सात किमी

तक सफाई की क्षमता

मशीन से एक घंटे में सात किलोमीटर तक सड़क की सफाई होगी। पितृपक्ष मेले में मशीन से सफाई की जाती तो और बेहतर होता। सड़कें अधिक साफ दिखने के साथ ही आउटसोर्सिग की भी जरूरत नहीं पड़ती। सरकारी धन की भी क्षति नहीं होती।

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सरकार के आदेश के

बाद भी मशीन बंद

शहर में नाले की सफाई को लेकर एक वर्ष पहले डीसिल्टिंग मशीन की खरीदारी भी 1.98 करोड़ रुपये से की गई थी। विवाद के कारण एक वर्ष से मशीन बाहर नहीं निकली है। जबकि 60 लाख रुपये की भुगतान निगम द्वारा कर दिया गया है। मशीन को चालू कराने का आदेश सरकार ने दे रखी है। फिर भी मशीन बंद पड़ी है।

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खरीदी क्यों गई : पार्षद

वार्ड पार्षद राहुल कुमार ने कहा कि इतना बड़ा पितृपक्ष मेला में जब मशीन नहीं निकली तो खरीदी ही क्यों गई? आनन-फानन पूरी राशि का भुगतान कर दिया गया, जो बिल्कुल गलत है। अगर मशीन बार-बार खराब हो रही तो पूरी राशि कैसे दे दी गई। इसकी जांच होनी चाहिए।

वहीं, पार्षद नैयर अहमद कहना है कि वक्त पर मशीन जब काम में नहीं आई तो क्यों खरीदी गई। मशीन जो बार-बार खराब हो रही है उसे जांच परख कर क्रय करना चाहिए था।

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रखरखाव के लिए

निविदा क्यों

पूर्व मेयर सोनी कुमारी कहती हैं, मशीन के रखरखाव को लेकर निविदा की क्या जरूरत है। नगर निगम में बहुत ऐसे कर्मी हैं, मशीन की देखरेख कर सकते हैं। पितृपक्ष मेला में मशीन से सफाई होनी चाहिए थी।

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फोटो

मशीन के रखरखाव को लेकर निविदा निकालने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। प्रक्रिया पूरी नहीं होने से मशीन से पितृपक्ष मेला क्षेत्र की सफाई नहीं की गई। पितृपक्ष के बाद शहर के मुख्य मार्गो की सफाई मशीन से की जाएगी।

-वीरेंद्र कुमार उर्फ गणेश पासवान, मेयर


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